ये इत्तेफ़ाक है या सोची समझी साजिश...

 

उन्नाव रेप पीड़िता के एक्सीडेंट मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित 10 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।उन्नाव रेप पीड़िता के चाचा ने ये एफआईआर दर्ज करवाई है। उनका आरोप है कि ये हादसा नहीं है बल्कि लड़की को जान से मारने की साजिश है। उनका आरोप है कि लड़की की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने उसके यात्रा रूट की जानकारी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके सहयोगियों तक पहुंचाई है। आपको बता दें कि हादसे के समय लड़की की सुरक्षा में तैनात कोई भी सुरक्षाकर्मी उसके साथ नहीं था।

 

कौन है कुलदीप सिंह सेंगर

 

कुलदीप सिंह सेंगर ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की थी और सेंगर ने वर्ष 2002 का चुनाव कांग्रेस की टिकट पर उन्‍नाव से जीता था। इसके बाद कांग्रेस का साथ छोड़कर 2007 में सेंगर ने BSP की टिकट पर बांगरमऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की, लेकिन मायावती से भी ज्‍यादा वक्त तक नहीं बनी और सेंगर ने पार्टी छोड़ दी। वहीं हाथी का साथ छोड़ने के बाद कुलदीप सिंह सेंगर ने साइकिल की सवारी शुरू की, और 2012 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी की टिकट पर लड़ा। मुलायम ने सेंगर को भगवंत नगर सीट से टिकट दी, और यहां सेंगर की जीत हुई। इसके बाद राज्‍य में बदलते माहौल को भांपकर कुलदीप सिंह सेंगर ने समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। उत्‍तर प्रदेश में 2017 में हुआ विधानसभा चुनाव कुलदीप सेंगर ने बीजेपी की टिकट पर बांगरमऊ सीट से लड़ा और चौथी बार जीत हासिल की। 2007 के चुनावी घोषणापत्र में सेंगर ने अपनी कुल संपत्ति 36 लाख बताई थी और 2012 में यही संपत्ति एक करोड़ 27 लाख की हो गई।वहीं 2017 के चुनावी घोषणापत्र के अनुसार सेंगर की संपत्ति 2 करोड़ 14 लाख पहुंच गई।

क्या है मामला

 

कुलदीप सिंह सेंगर पर एक नाब़ालिग लड़की के साथ कथित तौर पर जून 2017 में बलात्कार करने का आरोप है। पीड़ित नाबालिग लड़की ने आरोप लगाया था कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने अपने घर पर उस वक़्त उसके साथ बलात्कार किया जब वो अपने एक रिश्तेदार के साथ उनके घर पर नौकरी मांगने गई थी। इस मामले में उस वक़्त पीड़ित लड़की की एफ़आईआर पुलिस ने नहीं लिखी थी, जिसके बाद लड़की के परिवार वालों ने कोर्ट का सहारा लिया। वहीं उनका आरोप है कि विधायक और उनके साथी पुलिस में शिक़ायत नहीं करने का दबाव निरंतर बनाते रहे हैं और इसी क्रम में विधायक के भाई ने 3 अप्रैल को उनके पिता से मारपीट भी की। लड़की के पिता पर पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था और दो दिनों तक हिरासत में रखा था। पीड़िता के पिता के शरीर पर 14 गंभीर चोटें होने के कारण हिरासत में उनकी मौत हो गई। वहीं लड़की के पिता का उनकी मृत्यु से पहले का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि विधायक के भाई और कुछ अन्य लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में उन्हें मारा-पीटा था। पुलिस की इसी कथित निष्क्रियता और विधायक की कथित दबंगई से त्रस्त होकर पीड़ित लड़की ने सीएम आवास के बाहर आत्मदाह करने का प्रयास किया, जिससे ये मामला सुर्खियों में आ गया और कुलदीप सिंह सेंगर के ख़िलाफ़ उन्नाव के माखी थाने में बलात्कार और पॉक्सो ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया गया।

 

 

प्रशासन ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए थे और फिर सीबीआई ने ही कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ़्तार किया था। इस मामले में हो रही देर के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी हस्तक्षेप किया था। उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे का मामला पूरी तरह से तूल पकड़ चुका है। दुर्घटना में चाची और मौसी की मौत के बाद रेप पीड़िता और उसके वकील की हालत नाजुक बनी हुई है। पहले मामले को महज दुर्घटना बता रही यूपी पुलिस ने अब बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर उनके भाई और अन्य 8 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। कुलदीप सिंह सेंगर पहले से ही जेल में बंद है।


इस मामले को लेकर कवि कुमार विश्वास ने तंज कसते हुए भविष्य के लिए चेतावनी भी दी है। कुमार विश्वास ने घटना को लेकर ट्वीट किया 'पांचाली के चीरहरण पर जो चुप पाए जाएंगे, इतिहासों के कालखंड में सब कायर कहलाएंगे।' इसके साथ ही कुमार विश्वास ने दूसरे ट्वीट में कहा कि 'उन्नाव में हुई घटना हमारे समाज-राजनीति में घुसपैठ कर रहे बेहद घटिया दौर की शुरुआती आहट है। अपने-अपने नेताओं-दलों-विचारों-खेमों का चिंटूपना छोड़ इस देश की क़ानून-व्यवस्था-मर्यादा के बारे में सोचना-बोलना,आवाज़ उठाना शुरू करिए, नहीं तो देश पर गर्व करना तो दूर यहां जीना भी दूभर होगा।'

 


 

वहीं, पूर्व सीएम सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी निशाना साधा है।अखिलेश ने कहा कि पुलिस ने पहले ही मामले को बारिश के कारण हुई दुर्घटना बता दिया।पुलिस वही भाषा बोल रही है जो यूपी सरकार कह रही है।सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जब तक यूपी पुलिस सत्ता में बैठे लोगों की भाषा बोलेगी, तब तक पीड़िता को न्याय नहीं मिल सकता है। सोचिए कि पिता की पहले ही पीट-पीट कर हत्या की जा चुकी है। अब चाची और मौसी की मौत हो गई। पीड़िता और उसके वकील की हालत नाज़ुक है। उसे पहले ही न्याय के लिए आत्मदाह का प्रयास करना पड़ा और सरकार कहती है कि पीड़िता को न्याय मिल जाएगा। अखिलेश ने ये भी कहा कि बीजेपी बेटियों के लिए अभियान चलाती है, लेकिन एक बेटी जो न्याय मांग रही है,उसके साथ क्या हो रहा है। इससे तो लगता है कि इन्साफ की उम्मीद करना या आवाज़ उठाना ही सबसे बड़ा गुनाह है।

  ड़ास अभी बाकी है...