तिरंगा सिर्फ कपड़े का थान नहीं...हमारी आन-ओ-शान है।

15 अगस्त हम सभी भारतवासियों लिए अद्भुत मायने रखता है। इसके मुकाबले का कोई और दिन नहीं। जब इस दिन सुबह लाल किले पर हमारे प्रधानमंत्री आते हैं और जिंदादिली से हमारा प्रिय तिरंगा लहराते हैं, तब जो गर्व उभरता है, उसकी तुलना किसी और अनुभव से नहीं हो सकती। हर पंद्रह अगस्त, हम सभी का होते हुए, एक खास मायने में हमारे प्रधानमंत्री का दिन होता है। इस दिन पर हमारे प्रधानमंत्री की छाप होती है, उनके लाल किले के भाषण की मुहर लगी होती है। तो इस शुभ दिन के अवसर पर सर्वप्रथम हमारा अभिनंदन, हमारी मुबारकबाद हमारे प्रधानमंत्री को जाती है। जनमानस भड़ास परिवार माननीय प्रधानमंत्री जी और सभी देशवासियों को 73वें स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंधन के साथ ही साथ धारा-370 पर एतिहासिक विजय की हार्दिक शुभकामनाएं देता है।


जन-गण-मन की खूबी


जन-गण-मन की खूबी भी क्या खूबी है! वैसे हम सभी इसे गाते हुए कविगुरु की प्राथमिकताएं भूल जाते हैं। जरा गौर करें-‘जन’ यानी लोग, हम भारत के लोग। यह शब्द सबसे पहले आता है जिसमें। हम इसमें सबसे पहले आते हैं, जैसे संविधान में आते हैं-‘हम भारत के लोग’। फिर दूसरा शब्द है ‘गण’। ‘गण’ यानी, फिर से, लोग। ‘जन’ और ‘गण’ में कोई अंतर? नहीं भी है और है भी। ‘जन’ व्यक्ति का सूचक है, ‘गण’ व्यक्तियों के समूह का। ‘जन’ में आप आते हैं, मैं आता हूं। ‘गण’ में हम सब आते हैं-एक साथ। और फिर ‘मन’। क्या बात है यहां! कविगुरु संकेत कर रहे हैं हम  सबके, व्यक्तिगत और सामूहिक मन का, हमारे मानस का, हमारी सोचों का, हमारे अंतस का। क्या बात है! हम सोचने वाले, सुख-दुख अनुभव करने वाले लोग हैं। हां, रोटी, कपड़ा और मकान की तलाश में उलझे हुए हैं जरूर, लेकिन हम इतने खुदगर्ज नहीं कि उससे उठकर सोच न सकें।


वन्दे मातरम् सिर्फ गान नहीं, आह्वान है

 


हमारे वीरों और वीरांगनाओं के साथ, पांच लोगों की याद हम सभी को हर पंद्रह अगस्त को आती है। इत्तेफाक से, पांचों के पांचों बंगाल से हैं। इनमें सबसे पहले आती है ऋषि बंकिम की याद। उनका वंदे मातरम् जो है, वह एक गान नहीं, एक आह्वान है। वह एक गीत नहीं, एक गाथा है। जिसके हर शब्द में, हर वाक्य में, उसमें निहित हर छवि में हमारी, हमारी भारत माता की अभिलाषा भरी है, आकांक्षा भरी है। वंदे मातरम् में भारत की महानता भरी है।



आज 73वें स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर जनमानस भड़ास अपने व्यूवर्स से इतना कहना चाहता है हमारा राष्ट्रीय ध्वज कपड़े का थान नहीं। वह हमारे देश की जान है, उसमें हमारी आत्मा रहती है। उसको लहराने वाले, उसको उठाकर चलने वाले हम, उसके बालक हैं। हम उसके आशीर्वाद के योग्य बनें।एक बार फिर हमारे सम्पूर्ण देश के साथ-साथ कश्मीर में भी हमारा राष्ट्रध्वज तिरंगा फहरने की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनायें और वतन पर अपने प्राण न्योछावर करने वालें वीर सपूतों को  शत्-शत् नमन

 


जय हिन्द- जय भारत