नवरात्रों में फलाहार न कर दे बीमार !

दूध, दही से बने खाद्य पदार्थ या फल खरीदने से पहले श्रद्धालु रहें अलर्ट, मिलावट व कैमिकल के इस्तेमाल से तैयार खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए है हानिकारक

नवरात्र का पर्व पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस पर्व को हिंदू धर्म में बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाया जाता है।तिथि के अनुसार 9 या इससे कम दिनों तक श्रद्धालु मां की कृपा पाने के लिए व्रत करते हैं।इस व्रत के दौरान वो अल्पाहार के रूप में सिर्फ फलाहार ही लेते हैं. फलाहार में फलों के अलावा हम दूध, दही से बने खाद्य पदार्थों को भी शामिल करते हैं। ऐसे में "जनमानस भड़ास" एक जिम्मेदार प्रहरी की तरह अपने व्यूवर्स को अलर्ट करने जा रहा है। अगर आप भी व्रत हैं और फलाहार ले रहे हैं, तो अलर्ट हो जाइए...



खपत ने कर दिया फिर से सक्रिय:

यूं तो होली, दिवाली, रक्षाबंधन के त्योहार पर मुनाफाखोर ज्यादा फायदे के लालच में मिलावट का खेल शुरू कर देते हैं,लेकिन, नवरात्र में भी फलाहार व दूध, दही की बने खाद्य पदार्थों की डिमांड व खपत बढ़ जाने से ये मिलावटखोर फिर से सक्रिय हो गए हैं।हालांकि, खाद्य विभाग अलर्ट रहने के दावे जरूर कर रहा है, लेकिन यह जरूरी है कि हम खुद भी अपने आप में कोई भी वस्तु खरीदने से पहले सजग और सावधान रहें।

हर स्तर पर की जाती है मिलावट:

नवरात्रों में खासकर सब्जियों में लौकी, खीरा व फलों में केला, सेब आदि की बिक्री बढ़ जाती है।ऐसे में व्यापारी फल और सब्जी को तरह-तरह के कैमिकल्स का इस्तेमाल कर तैयार कर रहे हैं, जो सेहत के लिए भी नुकसानदायक है। जैसे-लौकी व कद्दू में आक्सीटोसिन का इस्तेमाल किया जाता है। एक सब्जी विक्रेता ने पहचान छिपाने की शर्त पर बताया कि कैमिकल से सब्जी ताजी और हरी बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।जबकि, दूध में व्यापारी केमिकल मिलाकर श्रद्धालुओं की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। व्यापारी दूध में यूरिया, ग्लूकोज जैसे केमिकल के साथ ही दूध में निरमा, साबुन व पानी सहित अन्य केमिकल भी मिलाकर ज्यादा मात्रा में दूध तैयार करते हैं।वहीं, तेल, घी आदि में भी मिलावट करने वाले व्यापारी सक्रिय हैं.

ऐसे पहचाने कार्बाइड से पके फल

  • ऊपर से पके फल दिखने वाले खाने में स्वाद हीन होंगे.
  • फल घर पर लाने के बाद भी उनका रंग काला पडऩे लगता है.
  • फल कहीं पर ज्यादा तो कहीं पर कम पका हुआ होगा.


TO BE CONTINUED.....