'अपने मुंह मियां मिट्ठू' बने इमरान खान…

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान पहले से ही बौखलाया है। भारतीय संसद की ओर से उठाए गए कदम पर बौखलाए पाकिस्तान की भले ही दुनिया भर में फजीहत हो रही है। लेकिन उनके नेताओं पर इस बात का कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तो अपने देश की जनता को अलग ही राग अलाप रहे हैं। 'अपने मुंह मियां मिट्ठू' बने इमरान खान ने दावा किया कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू एवं कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर ऐतिहासिक गलती की है और ऐसा करके उन्होंने कश्मीर की 'आजादी' का रास्ता खोल दिया है।

 

 


तमाम प्रयासों के बावजूद कश्मीर मुद्दे पर दुनियाभर के दरवाजे बंद होने के बाद खान ने कश्मीर मुद्दे पर देश को संबोधित करते हुए राजनयिक मोर्चे पर जीत का दावा किया। खान ने कहा, "हमने कूटनीतिक मोर्चे पर जीत हासिल की है। हमने कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण किया, दूतावासों और राष्ट्र प्रमुखों से बात की गई। कश्मीर मुद्दे पर 1965 के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक सत्र बुलाया। वहीं उनकी सरकार की नीति थी कि वह भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध रखे। हमने इसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सामने भी रखा और उन्होंने इस मुद्दे को उठाया।"


खान ने कहा, “यह उनकी सरकार की नीति थी कि वह भारत और अफगानिस्तान सहित अन्य देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध रखे। लेकिन, भारत हमेशा आतंकवाद के लिए हमारे ऊपर आरोप लगाने के अवसरों की तलाश में रहता है।"


“मैंने भारत से कहा कि अगर वे एक कदम बढ़ाते हैं तो हम दो कदम आगे बढ़ेंगे। हमारा मुख्य मुद्दा कश्मीर है। लेकिन, हर बार जब हम भारत के साथ बातचीत की बात करते हैं, तो वे इस मुद्दे से अलग हो जाते हैं और हमारे खिलाफ आरोप लगाने लगते हैं।"

 


यही नहीं खान ने चेतावनी दी कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ तो इसका प्रभाव विश्व स्तर पर महसूस किया जाएगा। परमाणु युद्ध में कोई भी नहीं जीतता। यह न केवल इस क्षेत्र में कहर बरपाएगा, बल्कि पूरे विश्व को इसका परिणाम भुगतना होगा। वह 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान कश्मीर मुद्दे को उठाएंगे। अब इसे देखना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का काम है। यह संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारी है। उन्होंने कश्मीर के लोगों से वादा किया था कि वे उनकी रक्षा करेंगे।


इतिहास में यही हुआ है कि विश्व के तमाम निकाय हमेशा शक्तिशाली के साथ खड़े रहे हैं, लेकिन संयुक्त राष्ट्र को पता होना चाहिए कि 1.25 अरब मुस्लिम उसकी ओर देख रहे हैं।" उन्होंने कहा कि कश्मीरी लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए पाकिस्तान में हर हफ्ते 30 मिनट का एक आयोजन किया जाएगा।