जब शिक्षा और शिक्षक ही नहीं...तो शिक्षक दिवस का क्या मतलब !

आज हमारे देश में शिक्षकों की भारी कमी है।स्कूलों और कॉलेजों में हज़ारों पद खाली पड़े हुए हैं।पिछले कुछ सालों में इन पदों को भरने की कवायद भी नहीं हुई है।रिपोर्ट के अनुसार देश भर में 10.13 लाख शिक्षकों की कमी है।जिनमें से 9 लाख शिक्षक प्राथमिक स्कूलों में और सेकेंडरी स्कूलों में 1.13 लाख शिक्षकों की कमी है। शिक्षा अधिनियम के मुताबिक, 30 बच्चों पर एक शिक्षक का होना अनिवार्य है, लेकिन देश के लगभग सभी स्कूलों में 100 से अधिक बच्चों पर सिर्फ शिक्षक है। इसका सीधा असर शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ रहा है। पिछले कुछ सालों के भीतर देश भर के कई राज्यों से शिक्षकों के सड़क पर उतरने के मामले भी सामने आ चुके हैं।जिसमें शिक्षक यह मांग करते हुए देखे गए कि उन्हें सही समय से वेतन नहीं मिल रहा है तो कहीं शिक्षकों ने नौकरी पक्की करने के लिए अपनी आवाज को बुलंद किया है।इन समस्याओं से ग्रसित देश में शिक्षकों के संकट पर विचार करें तो हजारों ऐसे स्कूल हैं जहां शिक्षकों की भारी कमी है।स्कूल से लेकर कॉलेजों तक में कमोबेश यही हालत है।सरकारी आंकड़ें बताते हैं कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ रही है।लेकिन जब स्कूल में टीचर ही नहीं है तो बच्चे स्कूल में क्या सीखेंगे इसका तो भगवान ही मालिक है।

 

 

शिक्षक दिवस का महत्व

हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए सम्पूर्ण देश में इस दिन को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।सर्वपल्ली राधाकृष्णन महान दार्शनिक और शिक्षक थे।उन्हें अध्यापन से गहरा प्रेम था।इस दिन पूरे देश में भारत सरकार द्वारा श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कृत भी किया जाता है।

 

देश भर में है शिक्षकों की कमी

आज भी हमारे देश के कई राज्यों में स्कूलों, कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी है।एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार के प्राथमिक स्कूलों में 37.3 प्रतिशत शिक्षकों की कमी है. यानी की लगभग 2 लाख 80 हजार शिक्षकों की बिहार में कमी है।2019 की रिपोर्ट के अनुसार बिहार के शिक्षा मंत्री ने राज्य के स्कूलों में खाली 1.4 लाख शिक्षकों के पद नवंबर तक भरने का आश्वासन दिया है।

 

 

वर्ष 2017 की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तरप्रदेश में 1.75 लाख सिक्षकों के पद खाली है।राज्य में केवल 587,353 शिक्षक ही काम कर रहे हैं जबकि कुल शिक्षकों की संख्या 762,353 होनी चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार देश के 23 आईआईटी में कुल शिक्षकों के 6112 पद निर्धारित हैं लेकिन उनमें से 2931 पद खाली पड़े हैं।आज भी देश के 31 एनआईटी के कुल 7872 पदों में से 3515 पद खाली है।

 

भड़ास अभी बाकी है...