पुलवामा हमला: शहादत को सलाम !

साल 2019 में बसंत के मौसम में जहां पूरी दुनिया प्यार में डूबी हुई थी, उस दौरान हमारे जवानों के साथ ऐसा हादसा हुआ, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। इस दिन जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर एक बहुत बड़ा आतंकवादी हमला हुआ जिसमें देश ने अपने 40 जवान खो दिए। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के जवान अपने परिवार के साथ छुट्टी मनाने के बाद ड्यूटी जॉइन करने के लिए घर से वापस लौट रहे थे। ठीक इसी सफर के दौरान उनके काफिले को विस्फोटकों से लदी एक कार ने टक्कर मार दी, जिसे आत्मघाती हमलावर चला रहा था। इस फिदायीन हमले की जिम्मेदारी खुद पकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इस हमले में देश के 40 जवान शहीद हो गए थे। अपने देश के 40 जवानों के शवों को एक साथ देखकर जहां पूरा देश शोकाकुल था तो वहीं सबके मन में बदले की आग भी धधक रही थी। इस खबर को सुनते ही पूरे भारत में मातम पसर गया लेकिन इससे भारतीय आर्मी का मनोबल नहीं गिरा उन्होंने जवानों की शहादत का बदला लेने का फैसला किया और महज दो हफ्तों के भीतर पाकिस्तान को ऐसी चोट दी जिसका जख्म वो दिखा भी नहीं सकता था और छुपा भी नहीं सकता था। 14 फरवरी को पाकिस्तान ने जो जख्म दिया उसका बदला तो लेना ही था जिसके लिए हमारी वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर ताबड़तोड़ बम बरसाए और पुलवामा में हुए 40 जवानों की शहादत का बदला लिया। पाकिस्तान को पुलवामा हमले का जवाब एयर स्ट्राइक के रूप में दिया।

 

 

26 फरवरी दिन मंगलवार को सुबह 3 बजकर 40 मिनट से लेकर 3 बजकर 53 मिनट तक भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान स्थित बालाकोट में आतंकी अड्डों पर बम बरसाकर उन्हें तबाह कर दिया। इस हमले के बाद पाकिस्तान बुरी तरह से तिलमिला उठा। इस हमले की जानकारी काफी खुफिया रखी गई। कई मीटिंग भी हुई लेकिन मीडिया तक में बात नहीं आई। इस हमले की पूरी जानकारी और टाइमिंग सिर्फ 7 लोगों को पता थी जिसमें पीएम नरेंद्र मोदीए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, तीनों सेना के प्रमुख और रॉ प्रमुख शामिल थे। इस हमले में इंटेलिजेंस ब्यूरो का पूरा योगदान था। जिसने समय पर जानकारी दी कि बालाकोट के इस जगह पर कई आंतकवादी छिपे हुए हैं। पुलवामा हमले के बाद कई हाई लेवल की मीटिंग हुईं लेकिन शांत तरीके से भारतीय सेना ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को धवस्त करने की योजना बनाई। कहा जाता है कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बारीकी से सभी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। इस योजना की मंजूरी 18 फरवरी को मिली। भारतीय वायुसेना के मिराज.2000 लड़ाकू विमानों के एक ग्रुप ने पाकिस्तान के बालाकोट और पाक अधिकृत कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अड्डों पर कई बम बरसाए। भारत के इस ताबड़तोड़ हवाई हमले में जैश के कई ठिकाने पूरी तरह से तबाह हो गए। इस हमले से पहले पाकिस्तान को भ्रम में डालना जरूरी था, जिससे कि उसे इस हमले के बारे में बिल्कुल भी भनक न लगे। इसलिए वायु सेना ने हमले से पहले 22 फरवरी से ही फाइटर विमानों ने एयरबेस से उड़ान भरना शुरू कर दिया जिससे पाकिस्तान को लगे कि उनकी कोई ट्रेनिंग या युद्धअभ्यास चल रहा है और वह उसमें उलझा रहे। इसके बाद 25 फरवरी को वायु सेना को खुफिया जानकारी मिली की बालाकोट में एक जगह पर जैश के 300 से अधिक आतंकवादी मौजूद है तो वायुसेना ने बिना देरी किए अगली सुबह करीब 4 बजे उन पर बम से हमला बोल पुलवामा हमले में शहीद हुए देश के वीर सपूतों को सच्ची श्रद्धांजलि प्रदान की।

 

 

जनमानस भड़ास परिवार अपने व्यूवर्स के माध्यम से देश के शहीदों को शत्-शत् नमन करता है।


 

। जय हिन्द-जय भारत