गंगा और टेनरी के पुल पर झूलता रोजगार

महाकुम्भ के ख़त्म हुए एक महीने से अधिक हो जाने के बाद भी टेनरी संचालको को राहत की साँस नहीं मिल रही है|आज लगभग ५ महीने से अधिक टेनरियो पर लगे हुए ताले के खुलने के कोई आसार नज़र नहीं आ रहे है| कानपुर शहर को पूरी दुनिया में मशहूर करने वाले चमड़ा कारोबार के संकट के बादल छटने का नाम ही नहीं ले रहे है| टेनरियो से निकलने वाला पानी गंगा में न जाए इसके लिए ये कदम उठाया गया है पर आज भी गंगा में सीवर के पानी के साथ ही साथ गन्दगी को भी गंगा में प्रवाहित किया जा रहा है| गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए उठाये गए इन प्रयासों से भी कुछ नहीं हो रहा है जिसका खामियाजा टेनरी संचालको के साथ ही साथ उन लोगो को भी भुगतना पड रहा है जो किसी न किसी टेनरी में नौकरी करके अपना जीवन यापन कर रहे है|इतनी लम्बी बंदी होने के कारण काम करने वाले लोगो को भी अनेक समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है| अब सवाल यह उठता है कि कहीं ये बेरोजगारी किसी और बड़ी समस्या का रूप न इख्तियार कर लें|



"जनमानस भड़ास" इस गंभीर मुद्दे पे आपकी राय जानना चाहता है कि टेनरी में काम करने वाले कर्मचारी बेरोजगारी कि मार आखिर कब तक सहेंगे?? आप अपनी राय हमारे हेल्पलाइन नंबर-8737943787(whatsapp) या www.janmanasbhadas.com के कमेंट बॉक्स में भी दे सकते है |

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