नहीं पढ़ेगा इंडिया - तो कैसे बढेगा इंडिया????

उत्तर प्रदेश का औद्योगिक शहर कानपुर जहाँ रोजाना आस-पास के इलाकों से लाखों लोग रोजगार के लिए आते है|इस भीड़-भाड़ वाले शहर में चौराहों पर जैसे ही ट्रैफिक रुकता है तो आपको कुछ बच्चे भीख मांगते हुए अक्सर दिखते होंगे,जिन्हें आप कभी उनके मांगने पर कुछ रुपये दे देते होंगे या फिर कभी आप के पास छुट्टे पैसे न होने पर आप उन्हें आगे भगा देते होंगे| क्या कभी आप ने यह सोचा है कि ये बच्चे आखिर कहाँ रहते है?क्या करते है और क्या ये आप के और हमारे बच्चों की तरह पढ़ाई करना करना चाहते है? ये भीख मांगते हुए बच्चे आप को अक्सर शहर के प्रमुख चौराहें जैसे-बड़ा चौराहा,माल रोड,विजय नगर,परेड आदि पर बड़ी ही आसानी से मिल जाते है |ये बच्चे रोड के डिवाइडर पर बैठे रहते है और जैसे ही ट्रैफिक सिग्नल की लाल बत्ती जलती है,ये अपने काम में लग जाते है और फिर भीख मांगना शुरू कर देते है या ये आपकी गाड़ियों की सफाई करना शुरू कर देते है और फिर अपनी मेहनत की रकम मांगते नजर आते है इस तरह की अमानवीय घटनाओं से देश कैसे आगे बढ़ेगा??अब तो यह बहुत ही सोचनीय विषय है इन बच्चों को न ही धूप से मतलब है और न ही बरसात से ये बड़ी ही शिद्दत से अपने काम को अंजाम देंते नजर आते है|वहीं इन्हें देख कर जहन में एक बात और आती है कि ये सब काम ये बच्चे अपनी मर्जी से करते है या फिर इसके पीछे उनकी कोई मजबूरी है या उनसे कोई जबरन करवाता है, हो सकता है कि वे बच्चे पढना तो चाहते हो पर किसी समस्या के कारण वह रास्ता भटक गए हो,कारण चाहें कुछ भी हो.......



लेकिन निश्चित तौर पर इनके ये सब करने से इनका भविष्य तो अन्धकार में है|



आज "जनमानस भड़ास" अपने व्यूवर्स से हाथ जोड़कर बस यह अपील करना चाहता है कि यदि आप भी ऐसे बच्चो को कहीं भी देखें तो उन बच्चों को भीख न दें, बल्कि उनके पास रूककर अपने कीमती समय से कुछ समय निकालकर बस उन्हें यह समझाए की वह जो कर रहे है वह गलत है|हम सभी इसी समाज के रहने वाले है और समाज की अच्छी बुरी सारी बातों के लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार है|आप की इस मुहिम में "जनमानस भड़ास" सदैव आप के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है| हमारा फ़र्ज़ बस इतना सा है........




आखिर पढ़ेगा इंडिया - तभी तो बढेगा इंडिया

भड़ास अभी बाकी है.....