पहली बार झुकी है योगी सरकार, गाजियाबाद में नही बनेगा यूपी का पहला डिटेंशन सेंटर



उत्तर प्रदेश में पहला डिटेंशन बनाने की योजना बना रही योगी सरकार जनता और विपक्षी दलों के जबर्दस्त विरोध के बाद अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। बताया जा रहा है कि सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है। 

गौरतलब है कि दिल्ली के समीप गाजियाबाद में उत्तर प्रदेश का पहला डिटेंशन सेंटर बनाने की तैयारियां चल रही थी। यहां नंदग्राम में स्थित एक दलित छात्रावास को डिटेंशन सेंटर का रूप दिया जा रहा था। इस सेंटर में 100 लोगों को रखने की जगह थी। इस छात्रावास को पहले अंबेडकर हॉस्टल के नाम से जाना जाता था। योगी सरकार पिछले एक साल से इस इमारत को डिटेंशन सेंटर में तब्दील करने की तैयारियां कर रही थी। इसका निर्माण समाज कल्याण विभाग द्वारा किया जा रहा था। इस इमारत में काफी उंचाई तक तारबंदी की गई थी और  दीवारों पर रंग-रोगन का काम भी पूरा हो गया था।  यहां बिजली, पानी, शौचालय और हवा का भी पूरा बंदोबस्त किया गया था। 

इस सेंटर के बनने की खबर सामने आते ही विपक्षी दल विरोध में उतर आए थे। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी योगी सरकार को काफी लानतें भेजी गईं। 17 सितंबर को बसपा सुप्रीमो मायावती ने गाजियाबाद में डिटेंशन सेंटर बनाये जाने को लेकर ट्वीट किया था और कहा था कि गाजियाबाद में बीएसपी सरकार द्वारा निर्मित बहुमंजिला डॉ. अम्बेडकर दलित छात्रावास को ’अवैध विदेशियों’ के लिए यूपी के पहले डिटेंशन सेन्टर के रूप में कनवर्ट करना अति-दुःखद व अति-निन्दनीय। यह सरकार की दलित-विरोधी कार्यशैली का एक और प्रमाण। सरकार इसे वापस ले बीएसपी की यह माँग है।’

कहां- कहां हैं डिटेंशन सेंटर-
देश में कथित विदेशियों को रखने के लिए बनाए गए डिटेंशन सेंटरों में से 6 आसाम में हैं। बाकी डिटेंशन सेंटर दिल्ली, गोवा के म्हापसा, राजस्थान के अलवर जेल, पंजाब के अमृतसर जेल और बेंगलुरू के पास सोंडेकोप्पा में बनाए गए हैं। इसके अलावा पंजाब और महाराष्ट्र में एक-एक और बंगाल में दो डिटेंशन सेंटर को बनाने का काम जारी है।