ड्रैगन ने कुबूला सच कि गलवान घाटी में मारे गए थे उसके सैनिक


गलवान घाटी में 15 जून को हुई भारत और चीन के सैनिकों की झड़प के तीन महीने बाद चीन ने माना है कि इस लड़ाई में उसके सैनिक भी मारे गए थे। इससे पहले अमेरिकी मैगजीन न्यूज वीक ने दावा किया था कि गलवान घाटी में चीन के तकरीबन 60 सैनिक मारे गए थे लेकिन चीन अपने मृत सैनिकों की संख्या के बारे में खामोश था। अब चीनी सरकार के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने माना है कि 15 जून को गलवान घाटी में हुई सैन्य झड़प में पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के सैनिक भी मारे गए थे। ग्लोबल टाइम्स चीन की सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी का मुखपत्र है। इस अखबार के संपादक ने अपने सैनिकों की मौतों को स्वीकार करने के साथ ही यह खबर अखबार में छापी और ट्वीट भी किया। 

क्या है ग्लोबल टाइम्स की खबर-
ग्लोबल टाइम्स के एडीटर इन चीफ हू झिजिन ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान को ट्वीट कर इसे फेक बताया है। हू ने लिखा है- ’जहां तक मुझे पता है कि गलवान घाटी की झड़प में चीनी सेना में मरने वालों की संख्या भारत के 20 की तुलना में कम थी। उस दिन किसी भी चीनी सैनिक को भारत ने बंदी नहीं बनाया था, बल्कि चीन ने ही भारत के सैनिकों को बंदी बनाया था।’
गौरतलब है कि गुरूवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बयान दिया था कि भारतीय सेना ने गलवान घाटी में चीन को भारी नुकसान पहुंचाया है। उनके इस बयान पर चीन की काफी कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई थी। चीन अभी तक गलवान में मारे गए अपने सैनिकों की संख्या बताने से कतराता रहा है। अमेरिकी मैगजीन में चीनी सेना के 60 सैनिकों के मारे जाने की खबर और भारत के रक्षा मंत्री के बयान के बाद झल्लाई चीनी सरकार के अखबार ने अब जाकर माना है कि उसके सैनिक भी इस झड़प में मारे गए हैं।