गंगा साफ करने के लिए बनना होगा 'भागीरथ'

गंगा सफाई में निभानी होगी सभी को अपनी जिम्मेदारी, उद्योगों को बंद किए बिना ही खोजने होंगे विकल्प:

आज गंगा के अस्तित्व को बचाने के लिए छेड़ी गई मुहिम कहीं न कहीं लोगों को जागरुक करने का काम लगातार कर रही है|गवर्नमेंट के द्वारा भी अपने स्तर से प्रयास किये जा रहे है और "नमामि गंगे" परियोजना के अंतर्गत स्वच्छता का पर्याय बनाया जा रहा है,लेकिन अब बारी हमारी है कि हम सभी गंगा को बचाने के लिए 'भागीरथ बनें| "जनमानस भड़ास" का उद्देश्य अपने व्यूवर्स को सिर्फ सच्चाई से रूबरू कराना ही नहीं, बल्कि उन्हें देश हित, मानव हित के कार्यों के लिए प्रेरित करना भी है|हमारा सिर्फ एक ही मकसद है कि लोग ज्यादा से ज्यादा जागरुक हों और गंगा को बचाने में अपने स्तर से योगदान करें|





हम सभी को समझनी होगी जिम्मेदारी:

यहाँ अगर हम किसी एक पक्ष को दोष दें या फिर एक ही पक्ष की तारीफ करें तो यह उनके साथ न्याय नहीं होगा|गंगा के अभी तक साफ न होने और लगातार संघर्ष जारी रहने के पीछे का कारण है कि अभी तक हम लोगों ने अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाना शुरू नहीं किया है|गवर्नमेंट स्तर से करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी गंगा का स्वच्छ न हो पाना इस तथ्य को दर्शाता है कि आज भी गंगा में विभिन प्रकार का कचरा-गन्दगी-पॉलिथीन,सीवर का पानी एवं अनुपयोगी सामग्री आदि गंगा में जा रही है| हर स्तर पर खामियां हैं, जिन्हें अब सुधारने का वक्त आ चुका है|



गंगा को स्वच्छ करना सिर्फ एक संस्था या गवर्नमेंट के बस की बात नहीं है, ये समझना होगा|इसके लिए सभी को एकजुट होना होगा|हम सभी को भी गंगा सफाई के महत्व को समझते हुए कूड़ा और गंदगी गंगा में फेंकने से रोकना होगा. टेनरियों को बंद कराने के अलावा अगर ट्रीटमेंट प्लांट पर काम किया जाए तो ज्यादा बेहतर होगा| इतने अधिक समय से टेनरियों के बंद रहने से यहां काम करने वाले वर्करों पर परिवार का पेट पालने का संकठ आ गया है, तो दूसरी तरफ बंदी के बाद भी अधिकारियों को गंगा में वेस्टेज गिरने के सुबूत मिले हैं| जब इसको रोका नहीं जा सकता था, तो दूसरे विकल्प पर काम कर दोनों पक्षों पर फैसले लिए जा सकते थे|



आज "जनमानस भड़ास" अपने व्यूवर्स से ये अपील कर रहा है कि यदि आप किसी भी व्यक्ति को गंगा प्रदूषित करते हुए देखे तो उसका पुरजोर विरोध करे,तभी गंगा को स्वच्छ बनाया जा सकता है|