मजदूरों पर गिरेगी गाज, सरकार लाई नया बिल, बिना सरकारी अनुमति के 300 से कम श्रमिकों वाली कंपनियां कर सकेंगी छंटनी


कॉरपोरेट परस्त मोदी सरकार लगातार किसान और मजदूर विरोधी कानून बनाने पर अमादा है। देश भर के किसानों के जबर्दस्त विरोध के बावजूद लोकसभा में कृषि बिल पास करवाने के बाद सरकार ने लोकसभा में एक नये कानून का मसौदा पेश किया है जिसके पास होने के बाद कंपनियां मनमाने तरीके से अपने यहां काम कर रहे मजदूरों को निकाल सकेंगी और इसके लिए उन्हे किसी भी तरह की सरकारी अनुमति की जरूरत भी नही होगी। 

क्या है यह काला कानून-
 
इस बिल का नाम है औद्योगिक संबंध संहिता संशोधन विधेयक। इस बिल के मसौदे को केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने लोकसभा में पेश कर दिया है। इस बिल के पारित होने के बाद 300 से कम श्रमिकों वाली कंपनियां मनमाने तरीके से अपने स्टाफ की छटनी कर सकेंगी और इसके लिए उन्हे किसी भी तरह की सरकारी अनुमति की जरूरत नही होगी। 
 
इस साल की शुरूआत में श्रम मामलों को देखने वाली संसदीय समिति ने सरकार को सलाह दी थी कि उन सभी कंपनियों को जिनका स्टाफ 300 लोगों से कम का है, उन्हे श्रमिकों की छंटनी का अधिकार दिया जाए और इसके लिए सरकारी अनुमति की अनिवार्यता को खत्म कर दिया जाना चाहिए। समिति का कहना था कि राजस्थान में इस तरह का कानून पहले से ही है और इससे वहां रोजगार बढ़े जबकि छंटनी के मामले कम हुए। 

विपक्षी दल कर रहे हैं विरोध-
 
कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने सरकार से पूछा है कि क्या इस बिल को पेश करने से पहले देश भर के श्रमिकों की राय ली गई। नया विधेयक लाने से पहले श्रमिक संगठनों और संबंधित पक्षों के साथ फिर से चर्चा की जानी चाहिए थी। अगर यह प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है तो मंत्रालय को फिर से यह प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। 
 
कृषि संबंधी बिलों पर सड़क से संसद तक विरोध झेल रही सरकार के लिए कंपनियों को मनमाने तरीके से श्रमिकों की छंटनी में छूट देने वाला यह कानून भी गले की फांस साबित होने जा रहा है। मोदी सरकार राज्यसभा में कृषि संबंधित बिलों पर विपक्ष का तगड़ा विरोध झेल रही है। यहां तक कि एनडीए का घटक दल रहा शिरोमणि अकाली दल भी सरकार के विरोध में उतर आया है। केंद्रीय मंत्री और अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कृषि बिलों का विरोध करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है।