बढ़ती बेरोज़गारी के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सपा बसपा शासनकाल से अधिक नौकरियां बांटी

सहीफ़ा खान ]


देश में बढ़ती बेरोज़गारी पर युवाओं के बढ़ते आक्रोश के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि उन्होंने प्रदेश में केवल तीन साल के भीतर 300526 नौकरियां दी हैं। यह आंकड़ा पिछली सपा-बसपा सरकारों में हुई भर्तियों से कहीं अधिक है। बसपा सरकार ने पांच साल में 91000 और सपा सरकार ने पांच साल में 2.05 लाख नौकरियां दी हैं।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक कार्मिक विभाग के आंकड़ों को देखा जाए तो योगी सरकार में अब तक 300526 नौकरियां दी गई हैं। इसका औसत निकाल जाए तो हर साल एक लाख युवाओं को नौकरियां दी गईं। मौजूदा समय 85629 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसे मिला दिया जाए तो यह संख्या 379709 हो जाती है। सरकारी प्रवक्ता का कहना है कि ऐसा सरकार द्वारा पारदर्शी ढंग से भर्तियां करने पर जोर देने के कारण संभव हो सका।

सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, सरकार ने लोकसेवा आयोग की खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस लाने का काम किया है। विश्वसनीयता, पारदर्शिता पुन: स्थापित हुई। अध्यक्ष पद पर ईमानदार व्यक्तियों को नियुक्ति दी गई। परिणाम यह रहा है कि आयोग ने मात्र तीन सालों में ही 26103 पदों पर अभ्यर्थियों का चयन किया। पिछली सपा सरकार में पांच सालों में 26000 अभ्यर्थियों का ही चयन हुआ था, लेकिन यह भर्तियां विवादों में घिरी रहीं और सीबीआई इसकी जांच कर रही है। भाजपा सरकार में हुए चयन में 141 उपजिलाधिकारी, 184 पुलिस उपाधीक्षक, डॉक्टरों में एलोपैथिक 4108, होम्योपैथिक 773, आयुर्वेदिक 969 और डेंटल सर्जन 535 रखे गए। इसके साथ ही पीसीएस जे के पदों पर 610 का चयन हुआ।

बता दें कि गुरुवार को ही विपक्ष के तमाम दलों और प्रतियोगी छात्रों ने योगी सरकार पर बेरोजगारी के प्रति उदासीन रहने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किए थे। इस दौरान प्रतियोगियों ने कहा था कि शासन के तमाम पदों के खाली होने के बावजूद योगी सरकार ने पावर में आने के बाद से ही इनपर कोई काम नहीं किया है।