निलंबित सांसदों ने धरना खत्म किया, बचे हुए पूरे सत्र का बहिष्कार करेगा विपक्ष



राज्यसभा में कृषि विधेयकों का विरोध करने के कारण निलंबित हुए 8 सांसदों का कल रात से चला आ रहा धरना खत्म हो गया है। कांग्रेस सहित संपूर्ण विपक्ष ने राज्यसभा के बचे हुए पूरे मानसून सत्र का बहिष्कार करने का फैसला किया है। संसद का बहिष्कार करने वाले बाकी विपक्षी दलों में समाजवादी पार्टी, एनसीपी, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राजद आदि दल शामिल हैं। 
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव सातव ने कहा, ‘‘विपक्ष इस सत्र में उच्च सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा। ऐसे में हमने धरना खत्म कर दिया है। अब हम सड़क पर आंदोलन करेंगे।’’
इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने सांसदों का निलंबन खत्म न होने पर बचे हुए मानसून सत्र का बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी। 

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने विपक्षी दलों के सदस्यों से सदन की कार्यवाही के बहिष्कार के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और चर्चा में भाग लेने की अपील की। उन्होने सदन में कहा, ’मैं सभी सदस्यों से अपील करता हूं कि वे बहिष्कार के अपने फैसले पर फिर से विचार करें और चर्चा में भाग लें।’
सभापति नायडू ने कहा कि रविवार को कृषि संबंधी विधेयकों पर विपक्ष के हंगामे के दौरान उप सभापति हरिवंश ने 13 बार सदस्यों से अपनी सीट पर जाने और चर्चा में भाग लेने की अपील की थी।

सरकार ने कहा-हम विपक्षी सांसदों को बाहर करने की जिद्द नहीं कर रहे-

संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार निलंबित सांसदों को सदन से बाहर रखने को लेकर जिद पर नहीं है और वे सदस्य खेद व्यक्त करते हैं तो सरकार इस पर गौर करेगी। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कहा कि सदन की कार्यवाही चलाने के लिए सरकार और विपक्ष को एक साथ बैठ कर फैसला करना चाहिए।