योगी राज में हाहाकारः जिंदा जलाई गई जेल में बंद पत्रकार की बेटी


योगी सरकार में कानून व्यवस्था की स्थिति भयावह हो चुकी है। इसका एक नजारा आज सुल्तानपुर में देखने को मिला जहां जेल में बंद एक पत्रकार की बेटी को जिंदा जला दिया गया और बेशर्मी की सारी सीमाएं पार कर चुकी यूपी पुलिस सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर 3 घंटे बाद पहुंची। 
घटना सुल्तानपुर जिले के बाल्टी राय थाना क्षेत्र स्थित टड़सा मजरा ऐंजर गांव की है। यहां रहने वाले पत्रकार प्रदीप सिंह की श्रद्धा सिंह घर के पास लगे नल से पानी भर रही थी। तभी इलाके के दबंग सुभाष, महंत और जयकरन वहां पहुंचे और किशोरी के साथ मारपीट करते हुए उसे जिंदा जला दिया। आग की लपटों में झुलस रही बेटी की चीख पुकार सुनकर परिजन और स्थानीय ग्रामीण तुरंत ही बेटी को बचाने के लिए मौके पर पहुंचे। इस बीच अपराधी दबंग घटना को अंजाम देकर वहां से भाग खड़े हुए। 
किशोरी को आनन फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। श्रद्धा तब तक 90 प्रतिशत से ज्यादा जल चुकी थी। उसने उसी हालत में मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया। श्रद्धा की गंभीर हालत को देखते हुए डाक्टरों ने उसे लखनऊ स्थित ट्रामा सेंटर रिफर कर दिया। परिजन श्रद्धा को लेकर लखनऊ भागे। देर रात श्रद्धा ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। 

जेल में बंद हैं श्रद्धा के पत्रकार पिता-

मृतका श्रद्धा के पिता प्रदीप सिंह पेशे से पत्रकार हैं। कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान इलाके में बलवा हुआ जिसमें एक 80 वर्षीया महिला की मौत हो गई। इस दौरान घटना की कवरेज कर रहे प्रदीप सिंह भी घायल हो गए। पुलिस ने मुकदमा लिखा तो 13 लोगों को आरोपी बनाया जिसमें प्रदीप सिंह का नाम भी शामिल था। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने प्रदीप सिंह को जेल में डाल दिया लेकिन इसी घटना में नामजद दूसरे पक्ष को संरक्षण देती रही।

कहां से शुरू हुआ बवाल-

नाम न छापने की शर्त पर इलाकाई लोग बताते हैं कि इस मामले की तनाव की शुरूआत उस दिन से ही हुई जब 80 वर्षीय वृद्धा की मौत हुई। महिला का शव प्रदीप सिंह की जमीन पर दफनाया जा रहा था जिसका उन्होने काफी विरोध किया। बाद में स्थानीय थाना प्रभारी अनिल सिंह ने पुलिस फोर्स ले जाकर अपनी मौजूदगी में वृद्धा के शव को दफनाने की प्रक्रिया पूरी करवाई। इसके विरोध में इलाके के दो पक्ष आपस में भिड़ गए और मारपीट भी हुई। इस घटना की चरम परिणित आज हुई जब एक मासूम किशोरी को जिंदा जला दिया गया।