नए श्रम कानून पर प्रियंका गांधी का सरकार पर निशाना, 'वाह री सरकार,, आसान कर दिया अत्याचार... '

हाल ही में ससंद में पास हुए नए श्रम कानूनों पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि इससे कॉरपोरेट्स को फायदा पहुंचेगा और आम आदमी बेरोज़गारी के संकट से त्रस्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का काम होता है कि सभी लोगों की नौकरियों को सुरक्षित बनाने के लिए कानून बनाना लेकिन सरकार ने उल्टे नौकरी से हटाने के नियम ही आसान कर दिए।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है, "इस कठिन समय की मांग है कि- किसी की नौकरी न जाए..सबकी आजीविका सुरक्षित रहे.. भाजपा सरकार की प्राथमिकता देखिए- भाजपा सरकार अब ऐसा कानून लाई है जिसमें कर्मचारियों को नौकरी से निकालना आसान हो गया है..वाह री सरकार,, आसान कर दिया अत्याचार.।"
मानसून सत्र के आखिरी दिन संसद ने श्रम सुधार से जुड़े तीन बिल को मंजूरी दे दी। इसके तहत कंपनियों को बंद करने के नियम में ढील दी गई है। विधेयक के प्रस्ताव के मुताबिक अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को बिना सरकार की इजाजत के लोगों को नौकरी से हटाने के अधिकार दिए गए हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार ने तीन लेबर कोड बिल राज्यसभा से पास कराए हैं। जिसमें इंडस्ट्रियल रिलेशन बिल – 2020, ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ वर्किंग कंडीशन बिल – 2020 और सोशल सिक्योरिटी बिल – 2020 शामिल हैं।
 
इंडस्ट्रियल रिलेशन बिल 2020-
 
इस विधेयक में कंपनी का अधिकार बढ़ेगा। जिन कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या 300 से कम है, वे सरकार से मंजूरी लिए बिना ही कर्मचारियों की छंटनी कर सकेंगी। अब तक ऐसा वे कंपनियां कर सकती थीं, जिनमें 100 से कम कर्मचारी हों। अब नए बिल में इस सीमा को बढ़ाया गया है। छंटनी की इजाजत उन्हीं को दी जाएगी, जिनके कर्मचारियों की संख्या पिछले 12 महीने में हर रोज़ औसतन 300 से कम ही रही हो। सरकार अधिसूचना जारी कर इस न्यूनतम संख्या को बढ़ा भी सकती है। नए कानून के अनुसार कोई भी कंपनी, फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों को सजा देने, निकालने, प्रमोशन में पक्षपात जैसे नियम पूरी तरह से कंपनी के हाथों में आ जाएगें।
 
 
ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन बिल- 2020-
 
ये बिल कंपनियों को छूट देगा कि वे अधिकतर लोगों को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर नौकरी दे सकें। साथ ही कॉन्ट्रैक्ट को कितनी भी बार और कितने भी समय के लिए बढ़ाया जा सकेगा। इसके लिए कोई सीमा तय नहीं की गई है। वो प्रावधान भी अब हटा दिया गया है, जिसके तहत किसी भी मौजूदा कर्मचारी को कॉन्ट्रैक्ट वर्कर में तब्दील करने पर रोक थी। महिलाओं के लिए वर्किंग आवर (काम के घंटे) सुबह 6 बजे से लेकर शाम 7 बजे के बीच ही रहेगा। शाम 7 बजे शाम के बाद अगर काम कराया जा रहा है, तो सुरक्षा की जिम्मेदारी कंपनी की होगी। कोई भी कर्मचारी एक हफ्ते में 6 दिन से ज्यादा काम नहीं कर सकता। ओवरटाइम पर ज्यादा पेमेंट करना होगा। बिना अप्वॉइंटमेंट लेटर के किसी की भर्ती नहीं होगी।
 
सोशल सिक्योरिटी बिल -2020 -
 
सोशल सिक्योरिटी कोड एक राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के निर्माण का प्रस्ताव करती है जो असंगठित श्रमिकों, गिग वर्कर्स और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए उपयुक्त योजना तैयार करने की जिम्मेदारी लेगा। यह श्रमिकों के इन वर्गों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में भी लाता है जिसमें जीवन और विकलांगता बीमा, भविष्य निधि, स्वास्थ्य और मातृत्व लाभ और कौशल उन्नयन शामिल हैं। इस कोड में श्रमिकों के तीन वर्गों को सामाजिक सुरक्षा रकम प्रदान करने के लिए एक सामाजिक सुरक्षा कोष के गठन का भी प्रस्ताव है।