आपकी यात्रा जरूर मंगलमय हो…

"भारत का रेल तन्त्र दुनिया के सबसे बड़े रेल तन्त्रों में से एक हैं। शायद इसीलिए इसे भारत की लाइफ लाइन भी कहा जाता है|भारतीय रेलगाड़ियों में हर दिन सवा करोड़ से अधिक लोग यात्रा करते हैं। एक अनुमान के अनुसार देश में प्रति वर्ष औसतन 300 छोटी-बड़ी रेल दुर्घटनाएँ होती हैं। जिसमे हज़ारों लोगों की मौते और लाखों लोग घायल हो जाते है और रेल प्रशासन ऐसी घटनाओं के बाद मुआवजा दे कर अपना पल्ला झाड़ लेता है आज "जनमानस भड़ास" आपको यह सब इसलिए बता रहे है क्योंकि पिछले कुछ समय से देश में एक के बाद एक बड़े-बड़े रेल हादसे हो रहे है जिसमे कानपुर में ही दो बड़े हादसे और एक धमाका भी हुआ है|




अब यह कोई अनहोनी है या किसी की शरारत

कानपुर शहर बना ट्रेन हादसों का शहर पिछले कई सालों में हुए एक के बाद एक कई बड़े रेल हादसे और इन हादसों के बाद भी सबक नही ले रहा है रेल प्रशासन|

20 नवंबर 2016 की वो काली रात कोई कैसे भूल सकता है जिसने पूरे देश को झंझोर के रख दिया था इंदौर-पटना एक्सप्रेस जो अभी कानपुर सेंट्रल से निकली ही थी और तकरीबन 100 किलोमीटर दूर पुखरायां रेलवे स्टेशन पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई.|हादसा सुबह करीब 3:30 बजे हुआ, ट्रेन की 14 बोगी पटरी से उतर गयी और एक के ऊपर एक ट्रेन की बोगियां ऐसे चढ़ गई जैसे कोई कागज के टुकड़े हो| इस घटना में करीब 150 लोगो की दर्दनाक मौत हो गयी और 250 से ज्यादा लोग बुरी तरह से घायल हो गए इस घटना के बाद लोग इतना डर गए थे कि उन्होंने रेल यात्रा से तौबा-तौबा ही करने की सोच ली थी|हर बार की तरह इस बार भी रेल प्रशासन ने जांच की बात बोल के इस घटना को ठंडे बस्ते में डाल दिया।




दूसरी घटना एक बार फिर कानपुर सेंट्रल से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर शिवराजपुर स्टेशन के पास कालिंदी एक्सप्रेस में 20 फरवरी 2019 की शाम 7 बजकर 10 मिनट पर इस ट्रेन के जनरल कोच के टॉयलेट में ये धमाका बताया जा रहा कि ये धमाका कम तीव्रता का था धमाके से टॉयलेट की छत उड़ गई धमाका होते ही वहां अफरा तफरी फैल गयी और लोग ट्रेन छोड़ कर भागने लगे|इस घटना को शुरुआती जांच में आतंकवाद से भी जोड़ा गया।




अभी इस घटना के बाद लोग ठीक तरह से संभले भी नही थे कि तकरीबन दो महीने बाद एक बार फिर से कानपुर में एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है.|कानपुर सेंट्रल से 15 किलोमीटर दूर रूमा कस्बे में करीब देर रात 1 बजे हावड़ा से दिल्ली आने वाली पूर्वा एक्सप्रेस बेपटरी हो गई है|इसके 12 डिब्बे पटरी से उतर गए हैं, जिनमें से ट्रेन के 4 कोच तो पूरी तरह से पलट गए|इस हादसे में अब तक 13 लोग घायल हुए जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है.गलिमत की बात तो यह रही कि इस हादसे में किसी तरह की कोई जनहानि नही हुई। लेकिन इन तीनो घटनाओं में रेलवे को हज़ारों करोड़ का नुकसान जरूर हुआ है।




"आज "जनमानस भड़ास" अपने व्यूवर्स की ओर से रेल प्रशासन से यह सवाल पूछता है कि क्या रेल में सफर करने वालो की उन्हें कोई फिक्र है या नही? साथ ही यह सुझाव भी देता है कि वंदे भारत सेमी ऑटो स्पीड ट्रेन और मेट्रो ट्रेन चलाने से पहले बार-बार रेलवे की ओर से होने वाली चूक सुधारने की कोशिश करें।"