दिखावे पे न जाओ अपनी-अकल लगाओ....

किसी देश,प्रदेश या शहर का भविष्य तभी बेहतर हो सकता है जब उसके युवाओं को बेहतर शिक्षा और शैक्षिक योग्यता के आधार पर बेहतर रोजगार उपलब्ध हों। लेकिन क्या अपने प्रदेश या शहर में ऐसा हो पा रहा है? इससे भी चिंताजनक विषय यह है कि युवाओं में जैसे-जैसे शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है,वैसे-वैसे ही बेरोजगारी भी बढ़ रही है|इसके कई उदाहरण देखने को मिले हैं,जिनमें बेरोजगार युवाओं की भूमिका अंतर्निहित है इनमे नकली धर्मगुरुओं के समर्थन में युवाओं को उपद्रव करते देखा गया है। इससे स्पष्ट होता है कि आज के युवाओं में बेरोजगारी के कारण असंतोष फैल रहा है। इस विकट समस्या से युवा वर्ग में असंतोष के साथ ही साथ मानसिक तनाव कि स्थिति भी आ गयी है जिस के कारण आज युवा वर्ग कड़ी मेहनत के रास्ते से भटक कर चमक-धमक की दुनिया को ही देख रहे है|आज के युवाओ में दिखावे कि जो प्रवत्ति आ गयी है वो कहीं न कहीं इस समस्या का मूल कारण भी है|वर्तमान समय में युवाओ को कम समय में अमीर होने का चस्का लग गया है जिसके लिए वो पैसे कमाने के आसान रास्ते ढूँढ रहे है और यदि मिल गया तो उस पर चल के अपने शौक को पूरा करने में लग गए है| कुछ युवा बस ये देखते और सोचते है कि मुझे भी अमीर बनना है,मैं भी अपने मिलने वालों की तरह बड़ा आदमी बनूँगा, ये सोच तो अच्छी है पर आज का युवा ये नहीं सोचता कि उनके मिलने-जुलने वालो या रिश्तेदारों ने कितनी मेहनत और संघर्ष करने के बाद ये मुकाम हासिल किया है| आज के समय में बेरोजगारी के मुख्या कारणों में आलस्य की भावना की भी अहम भूमिका है यदि आप किसी युवा से बोले कि कड़ी मेहनत करके पैसे कमाओ तो उसे आपकी बात ख़राब लगेगी क्यों कि आज का समय ऐसा हो गया है कि हर युवा लाइमलाइट तो रहना चाहता है पर मेहनत नहीं करना चाहता है|उसे ये नहीं पता है कि आज यदि उसने कोई शॉर्टकट लेकर पैसे कमा भी लिया पर इस तरीके से वह हमेशा पैसे नहीं कमा सकता है|




युवाओं में भटकाव के पीछे एकल परिवार भी महत्वपूर्ण कारक है:

आज युवाओ में बेरोजगारी की समस्या का कारण एकल परिवार भी है|जिन परिवारों में माता-पिता अधिक व्यस्त न हो पाने के कारण अपने बच्चो पर ध्यान नहीं दे पाते है वहाँ बच्चो में भटकाव अधिक होता है,ठीक इसके विपरीत देखा गया है कि जहाँ संयुक्त परिवार होते है वहाँ बच्चो में भटकाव की स्थिति कम बनी रहती है क्यों कि संयुक्त परिवार में माता-पिता के अलावा परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ही साथ बड़े-बुजुर्गो का भी डर बना रहता है|




आज जनमानस भड़ास अपने व्यूवर्स से ये पूछना चाहता है कि आज की युवा पीढ़ी भटकाव के मार्ग पर अग्रसर क्यों होती जा रही है??इस प्रश्न के उत्तर के लिए हमें स्वयं में झांकना होगा| क्योकि आज माता-पिता अपनी महत्वाकांक्षा का बोझ युवाओं पर डाल रहे हैं, जिसके कारण युवा पीढ़ी मानसिक रूप से टूटती जा रही है|जिस शिक्षा में उसकी रूचि है,वह शिक्षा उसके माता-पिता को पसंद नहीं और माता-पिता जिस क्षेत्र में उसको भेजना चाहते हैं,वह क्षेत्र उसको पसंद नहीं हैं|ऐसे में युवा वर्ग मानसिक तनाव से ग्रसित हो रहा है और ना चाहते हुए भी वह गलत रास्ते पर निकल पड़ता है|

“जनमानस भड़ास” सभी अभिभावकों से निवेदन कर रहा हैं कि वे अपने बच्चे को उसकी रूचि के अनुरूप शिक्षाक्षेत्र में प्रवेश लेने दे जिससे कि वह मानसिक तनाव में न रहते हुए पूर्ण रूप से सफल हो सके|

भड़ास अभी बाकी है....