हाथरस गैंगरेप : क्या मौत के बाद भी न्याय पा सकेगी दलित की बेटी


हाथरस गैंग रेप के मामले में हर दिन नये पहलू सामने आ रहे हैं। सत्तारूढ़ भाजपा के कुछ नेता पूरी बेशर्मी के साथ आरोपियों के पक्ष में खड़े हो गए हैं। देश-विदेश में थू-थू होने के बाद योगी सरकार ने हाथरस कांड की आड़ में विदेशी हाथ होने की बात कह कर घटना के विरोध में उठ रहे स्वरों को दबाने की कोशिश की है। पढ़िए हाथरस कांड में अभी तक का अपडेट-

हाथरस कांड के जरिए दंगा फैलाने की साजिश, मारीशस से हुई 50 करोड़ की फंडिंग : ईडी
हाथरस गैंग रेप कांड की जांच में ईडी भी लगी हुई है। एजेंसी का कहना है कि इस कांड के विरोध में जातीय हिंसा फैलाने की कोशिश की गई। इस काम के लिए मारीशस के जरिए 50 करोड़ रूपयों की फंडिंग की गई। इसके अलावा अन्य जगहों से भी फंडिंग की गई जिसको ंमिला कर कुल 100 करोड़ रूपये दंगा भड़काने के लिए विदेशों से देश में भेजे गए। योगी आदित्यनाथ की सरकार पहले ही आरोप लगा चुकी है कि इस कांड की आंड़ में प्रदेश को दंगों की आग में झोंकने की साजिश थी। इस साजिश को अंजाम देने के लिए तमाम वेबसाइटों और अन्य प्लेटफार्मो से पैसा इकठ्ठा किया जा रहा था। 
यूपी पुलिस का कहना है कि हाथरस के जरिए प्रदेश में एक जाति को दूसरी जाति से भिड़ाने की साजिश रची जा रही थी। इसके लिए जस्टिस फॉर हाथरस नाम से एक वेबसाइट द्वारा अभियान चलाया गया। पुलिस ने उस वेबसाइट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुख्यमंत्री योगी पहले ही विपक्ष पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगा चुके हैं। उन्होने इस मामले में सख्त एक्शन लेने की बात कही है। 

कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद हाथरस पहुंचे थे आप के विधायक, दर्ज हुआ केस-
आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप कुमार पर हाथरस में महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हो गया है। कुलदीप कुमार कोरोना से संक्रमित हैं। उन्होने 29 सितंबर को ट्वीट कर खुद के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी। उन्होने कहा था कि पिछले दो दिनों से मुझे हल्का बुखार होने की वजह से आज मैंने कोरोना का टेस्ट कराया जिसमें मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। जिसके बाद मैं घर पर होम आइसोलेशन में रहूंगा। जो भी साथी पिछले 2-3 दिनों में मुझसे मिले है वो अपना टेस्ट करा ले। 
कुलदीप कुमार ने 5 अक्टूबर को दूसरा ट्वीट करते हुए कहा कि अभी हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलकर लौटा हूँ ।परिवार में डर और भय का माहौल पैदा किया जा रहा है। ये लोकतंत्र और संविधान की हत्या है। उत्तर प्रदेश में योगी राज में क़ानून नही जंगल राज चल रहा है।

योगी सरकार का सुप्रीम कोर्ट में दावा-बेटी के परिजनों की मंजूरी से किया गया रात में अंतिम संस्कार-
सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस केस में हलफनामा दायर कर यह दावा किया है कि कानून व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए और परिवारिजनों की इजाज़त से अंतिम संस्कार किया गया था। प्रदेश सरकार का कहना है कि ऐसा कदम इसलिए उठाया गया ताकि हिंसा ना बढ़े और लॉ एंड ऑर्डर बरकरार रहे। इसके साथ ही यूपी सरकार ने यह भी दावा किया कि अंतिम संस्कार के समय पीड़िता के परिजन भी वहां मौजूद थे जबकि परिवार वालों का कहना है कि उनकी मर्ज़ी के बिना ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। 
यूपी सरकार ने अपने हलफ़नामे में कहा है कि इस मामले की जाँच सीबीआई से होनी चाहिए। हाथरस मामले की जाँच को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया है कि सीबीआई जाँच ये सुनिश्चित करेगी कि कोई निहित स्वार्थों से प्रेरित फ़र्जी या झूठी बात फैलाने में कामयाब ना हो सके। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता में एक बेंच हाथरस मामले में जनहित याचिका की सुनवाई कर रही है। इसी संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार ने हलफ़नामा दायर कर अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखा है और कहा कि मामले की जाँच निष्पक्ष केंद्रीय एजेंसी से होनी चाहिए।