हाथरस मामले की रिपोर्टिंग के लिए जा रहे पत्रकार को गिरफ्तार करने का विरोध, पत्रकारों के संगठन ने जल्द रिहाई की मांग की


हाथरस गैंग रेप की घटना के विरोध में हो रहे धरना प्रदर्शनों में विदेशी हाथ खोज रही योगी सरकार को झटका लग सकता है। सोमवार को मथुरा से पीएफआई संगठन से संबद्ध बताते हुए जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था उनमें से एक  पत्रकार है। यह चारों लोग हाथरस में गैंग रेप का शिकार होकर जान गंवाने वाली दलित लड़की के परिजनों से मिलने जा रहे थे। इसके तुरंत बाद यूपी पुलिस ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि उसने मथुरा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उससे संबद्ध संगठनों से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए चार लोगों के नाम हैं- मलप्पुरम के सिद्दीकी कप्पन, मुजफ्फरनगर के अतीक-उर-रहमान, बहराइच के मसूद अहमद और रामपुर के आलम। 
अब केरल के एक पत्रकार संगठन ने कहा है कि सिद्दीकी दिल्ली के एक वरिष्ठ पत्रकार हैं और पत्रकार संगठन के सचिव हैं। 
पत्रकारों के इस संगठन का नाम है केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट और यह केरल का एक प्रमुख पत्रकार संगठन है। 

योगी आदित्यनाथ को पत्र भेज कर पत्रकार को रिहा करने की मांग की-
इस संगठन की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मिजी जोंस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर कहा है कि सिद्दीकी कप्पन केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट की दिल्ली इकाई के सचिव हैं और वह एक पत्रकार होने के नाते अपने दायित्वों के निर्वहन का प्रयास कर रहे थे। वह हाथरस में गैंग रेप का शिकार होकर जान गंवाने वाली 19 साल की युवती की मौत के बाद वहां की स्थिति पर समाचार देने के लिए हाथरस जा रहे थे। सिद्दीकी कप्पन कई मीडिया घरानों के लिए काम कर चुके हैं। पत्र में लिखा है कि हमने और हमारे वकीलों ने कप्पन से संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन कामयाब नही हो सके। पत्र में कहा गया है कि हाथरस और यूपी पुलिस ने अभी तक कप्पन को हिरासत में लेने के संबंध में कोई जानकारी मुहैया नही कराई है। संगठन ने मुख्यमंत्री योगी से पत्रकार को जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की है। इसी आशय से संबंधित एक पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजा गया है। 
उधर यूपी पुलिस का कहना है कि उसने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनके संबंध पीएफआई से हैं। इन लोगों के पास से भड़काऊ साहित्य भी बरामद हुआ है। इसके अलावा इन लोगों के मोबाइल और लैपटॉप में भी आपत्तिजनक सामग्री पाई गई है। 

पीएफआई ने बयान जारी कर यूपी पुलिस के आरोपों का खंडन किया-
इस बीच पीएफआई ने एक बयान जारी कर यूपी सरकार द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का खंडन किया है। संगठन ने हाथरस गैंग रेप मामले में दंगा भड़काने की साजिश वाली थ्योरी भी खारिज कर दी है। हालांकि संगठन ने माना है कि मथुरा में गिरफ्तार किए गए अतीक-उर-रहमान और मसूद अहमद पीएफआई के छात्र संगठन कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य हैं लेकिन संगठन का कहना है कि हिरासत में लिए गए चौथे व्यक्ति के बारे में उसे कोई जानकारी नही है। संगठन ने यह भी कहा है कि वह यूपी पुलिस की दबाने वाली कार्यवाहियों से डरने वाला नहीं है। 

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी पत्रकार की रिहाई की मांग की-
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी एक बयान जारी कर उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है कि गिरफ्तार किए गए पत्रकार की जल्द रिहाई की जाए।