कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती!

आज स्मार्टफ़ोन बच्चों का बचपन छीन रहा है। स्मार्टफ़ोन की लत बच्चों पर इस कदर हावी हो रही है कि बच्चे इसके लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। अगर आपका बच्चा भी इसी राह पर आगे बढ़ रहा है तो ये आपके लिए खतरे की घंटी है।

स्मार्टफ़ोन की लत एक बार फिर सुर्खियों में है। एक बच्चे को इसकी इतनी बुरी लत थी कि उसने स्मार्टफोन छीने जाने की वजह से अपने हाथ की नस काटने की कोशिश की। मोबाइल की लत का ये कोई इकलौता मामला नहीं है। सम्पूर्ण शहर,प्रदेश एवं देश भर में बच्चे और युवा पीढ़ी मोबाइल की लत का शिकार हो रहे हैं।

आज स्मार्टफ़ोन और साइबर एडिक्शन अब एक गंभीर समस्या बनती जा रही है जो हमारी दिनचर्या पर भी बुरा असर डाल रही है। कई मायनों में तो ये हमारी जिंदगी को भी खतरे में डाल रही है।


क्यों लग रही है बच्चों को मोबाइल की लत:

अगर आप देखें तो आज हर घर में आपको 1-2 साल के बच्चे भी मोबाइल में चिपके नजर आते हैं। ऐसे में ये समझना बहुत जरूरी है कि आखिर क्यों बच्चों को मोबाइल की लत लग रही है।अगर हमें कारण पता चल जाए, तो समय रहते इस समस्या का समाधान भी किया जा सकता है। आज हम आपको बता रहे हैं, कुछ ऐसी ही बातें जिनकी वजह से बच्चों में मोबाइल का नशा लग रहा है-

  • आज पैरेंट्स को जब कुछ काम करना होता है और बच्चे बीच में तंग करते हैं तो उन्हें शांत करने के लिए वे बच्चे के हाथ में मोबाइल दे देते हैं। अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं, तो ये आदत बदल लीजिए, क्योंकि इससे बच्चे में मोबाइल की लत लग जाएगी और वह बात-बात पर आपसे मोबाइल मांगने लगेगा।
  • अक्सर पैरेंट्स रोते हुए बच्चे को चुप करने के लिए भी उसके हाथ में मोबाइल पकड़ा देते हैं,ये भी ठीक नहीं है। बच्चा इसे आपकी कमजोरी बना देगा और हर बात पर रोने लगेगा, ताकि आप उसे मोबाइल दे दें।
  • बच्चा अगर खाना खाने में आनाकानी करता है, तो उसे बहलाने व मनाने के लिए पैरेंट्स उसके हाथ में मोबाइल पकड़ा देते हैं। जिससे बच्चा चुपचाप खाना खा लेता है, पर ये तरीका सही नहीं है क्योकि इससे बच्चे को मोबाइल की आदत लग जाती है और दोबारा बच्चा बिना मोबाइल के खाना नहीं खाता हैं|
  • इसके अलावा कई बार पैरेंट्स इस उत्साह में कि हमारा बच्चा इतनी कम उम्र में स्मार्टफोन ऑपरेट कर रहा है, आगे वह इससे और तेज बनेगा, ये सब सोचकर बच्चे को स्मार्टफोन देते रहते हैं।

बच्चे पूरी तरह हैं स्मार्टफोन पर निर्भर:

आज के समय में यदि आपका बच्चा स्मार्टफोन का उपयोग अपनी पढ़ाई के लिए भी कर रहा है तब भी वह कहीं न कहीं अपना ही नुकसान कर रहा है। जिस उत्तर को खोजने के लिए उसे अपने सब्जेक्ट की बुक्स को पढ़ना चाहिए या फिर जिस शब्द का अर्थ जानने के लिए उसे डिक्शनरी के पन्नों को पलटना चाहिए वह उसके विपरीत जा कर इन्टरनेट पर सर्च कर रहा है,जिससे उसकी किताब पढने की आदत भी ख़त्म होती जा रही है और कहीं न कहीं इसका असर उसके रिजल्ट पर भी देखने को मिल रहा है|


"अगर आप माता-पिता के रूप में दिनभर स्मार्टफ़ोन और कंप्यूटरमें ही समय समय लगाते हैं, तो स्वाभाविक रूप से बच्चे भी आपके जैसा करेंगे| भोजन के समय मोबाइल से दूर रहें| अपने परिवार के साथ बैठकर खाने के लिए एक समय फिक्स करे”


आज “जनमानस भड़ास” आप से अपील कर रहा है कि आप अपने बच्चों को व्यस्त रखने के लिये उसे फोन देने के बजाय उनके साथ बातचीत करें,उनके साथ कुछ समय बिताएं और उनकी प्रोब्लेम्स को समझें|अपने बच्चों को जितना हो सके स्मार्टफ़ोन से दूर रखे,क्योकि हम नहीं चाहते है कि पहले आप लाड़-प्यार में अपने बच्चों को स्मार्टफ़ोन य अन्य कोई गैजेट दें और फिर बाद में उसका खामियाजा भुगते|


भड़ास अभी बाकी है...