पालघर लिंचिंग कांड में पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की गई है : उद्धव सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया


उद्धव ठाकरे सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि पालघर लिंचिंग कांड में कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी गई है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ को महाराष्ट्र सरकार ने बताया है कि पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर चुकी है जिसमें विस्तार से दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही करने के साथ ही अन्य कार्यवाहियों के विवरण दिए गए हैं। 

क्या है पालघर लिंचिंग कांड-
कोविड-19 महामारी में लॉकडाउन के दौरान मुंबई के कांदिवली से दो साधु एक कार में गुजरात के सूरत जिले में किसी के अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे। पालघर के गढ़चिंचली गांव में 16 अप्रैल की रात में पुलिस की मौजूदगी में उनकी कार रोककर उन पर हमला किया गया था। इस घटना में मारे गये व्यक्तियों की पहचान 70 वर्षीय चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरि, 35 वर्षीय सुशील गिरि महाराज और वाहन चालक 30 वर्षीय नीलेश तलगडे के रूप में हुयी थी।

महाराष्ट्र पुलिस द्वारा पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में बताया गया है कि 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ सेवा से बर्खास्तगी से लेकर वेतन में कटौती जैसी कार्रवाई की गयी है। सुप्रीम कोर्ट पालघर में दो साधुओं सहित तीन व्यक्तियों की कथित रूप से पीट-पीट कर हत्या की घटना की सीबीआई या एनआईए से जांच कराने सहित कई याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है। 

इस मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही है। इस दौरान एक याचिकाकर्ता ने खण्डपीठ को सूचित किया कि उन्हे महाराष्ट्र पुलिस द्वारा दाखिल किया गया हलफनामा मंगलवार की रात को मिला है और यह एक हजार पेज का है। इस पर पीठ ने नाराजगी जताते हुए टिप्पणी की कि हर कोई अंतिम क्षणों में ही हलफनामा क्यों दाखिल कर रहा है। याचिकाकर्ता को इसका जवाब देने के लिए समय दिया जाएगा। 

एक याचिकाकर्ता ने कहा, “पुलिस अधिकारियों की ओर से लापरवाही आईजी ने खुद (विभागीय जांच में) स्थापित की थी। दो अलग-अलग पुलिस अधिकारियों द्वारा 2 एफआईआर की गई थीं। अब जो 2 चार्जशीट दायर की गई हैं, उनमें एक ही निष्कर्ष है। ऐसा लगता है कि राज्य के अधिकारी एक-दूसरे के साथ हाथ में हाथ डालकर काम कर रहे हैं। यह विश्वास करना मुश्किल है कि महाराष्ट्र सच्चाई को बाहर लाने के लिए लगन से काम करेगा।“
इस पर पीठ ने कहा कि हम विचार कर रहे हैं। हमने हलफनामा पढ़ा नही है। हम आज कैसे फैसला ले सकते हैं। पहले याचिकाकर्ताओं को जवाब दाखिल करने दीजिए फिर हम देखेंगे।