जातीय उत्पीड़न के चलते दलित डॉक्टर ने फांसी लगा कर जान दी

भारत में  जाति की जड़े अभी भी इतनी मजबूत है कि किसी भी व्यक्ति को आत्महत्या करने को मजबूर कर दे। रोहित वेमुला और फिर डॉक्टर पायल तड़वी इस जातीय उत्पीड़न का शिकार हो कर आत्महत्या कर ली थी। अब एक और होनहार मेडिकल छात्र डॉक्टर ने की आत्महत्या कर ली है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि कॉलेज के सीनियर्स द्वारा उसके साथ जातीय उत्पीड़न किये जाने के कारण उन्होंने इतना बड़ा कदम उठाया है। 
मृतक के परिजनों का आरोप है कि छोटी जाति और  ग़रीबी के चलते उसे कॉलेज के सीनियर्स लगातार प्रताड़ित करते थे, जिसके कारण छात्र भागवत ने मेडिकल कॉलेज़ के हॉस्टल में फांसी लगा कर अपनी जान दे दी। हलाँकि कॉलेज प्रबंधन ने इन आरोपो से इनकार किया है।

क्या कहते है मृतक के परिजन-
परिजनों ने बताया कि डॉक्टर भागवत डेढ़ महीने तक घर पर रहने के बाद 26 सितंबर को अपने मेडिकल कॉलेज़ लौट गए लेकिन उन्होंने डयूटी ज्वाइन नहीं की। पीड़ित परिवार का आरोप है कि भागवत घर से मेडिकल कॉलेज तो चले गये थे, लेकिन सीनियर्स का ख़ौफ़ भागवत के भीतर इतना था कि वह अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने से लगातार बच रहे थे। परिजनों ने बताया कि एक अक्टूबर को भागवत के एक सीनियर विकास द्विवेदी  का फ़ोन आया था। विकास ने फ़ोन पर बताया कि भागवत ने अभी तक ड्यूटी ज्वाइन नहीं की है और फ़ोन भी नहीं उठा रहा है। 
भागवत को परिवार के लोगो ने फोन कर समझाया और उसने ड्यूटी ज्वाइन करने की बात कही थी। उसके बाद भागवत ने परिजनों को  बताया कि उनकी विकास द्विवेदी से बात हो गई है और वो जल्द ही ड्यूटी ज्वाइन करने वाले हैं। भागवत के बड़े भाई प्रहलाद देवांगन ने  बताया कि फोन पर बात करते समय भागवत बहुत डरा हुआ लग रहा था। बड़े भाई ने उसे ढांढ़स बंधाया कि डरने की कोई बात नहीं है। डॉक्टर भागवत के पिता अमृतलाल देवांगन ने  अपने बेटे को फोन किया परन्तु उसने नहीं उठाया। चिंतित परिजनों ने दो साथियों को फोन कर के हॉस्टल के 14 नबर कमरे में जाकर बात कराने को कही। 
पुलिस में दर्ज़ बयान के मुताबिक शाम 6 बजे के लगभग हॉस्टल के प्रभारी और एंटी रैगिंग कमेटी के सदस्य डॉक्टर अरविंद शर्मा ने प्रहलाद देवांगन को फ़ोन पर बताया कि डॉक्टर भागवत की स्थिति बहुत ही गंभीर है, उन्होंने कहा कि आप लोग जल्द से जल्द  जबलपुर पहुंचें। डॉक्टर भागवत के बड़े  भाई और साथ ही में उनके छोटे भाई रात 2 बजे के लगभग जबलपुर पहुंचे जहाँ उनको बताया गया कि उनके भाई ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली है। सुबह 9 बजे चीरघर में रखा गया डॉक्टर भागवत का शव उन्हें दिखाया गया। 
प्रहलाद देवांगन का कहना है कि भाई के गले पर कुछ निशान दिखाई पड़ रहे थे। हमे जानकारी दी गई कि मेरे भाई ने फांसी लगा ली लेकिन उन्हें यकीन नही हुआ।  प्रहलाद ने बताया कि भागवत ने हमें कई बार सीनियर्स द्वारा प्रताड़ित करने की बात बताई थी। प्रहलाद ने पांच लोगो के ख़िलाफ़ पुलिस में मुकदमा दर्ज़ कराया है।