हाथरस केस : ये हैं डॉ राजकुमारी बंसल जिन्हे बताया जा रहा है नक्सल भाभी

हाथरस में दलित युवती से हुए गैंग रेप के मामले में जांच एजेंसिंया हर रोज नया खुलासा कर रही हैं। इस मामले की जांच के लिए कई एजेंसियां लगी हुई हैं और अब सीबीआई की इंट्री भी हो गई है। आरेप लग रहे हैं कि गैंग रेप के आरोपियों को सरकार का सजातीय होने के चलते बचाया जा रहा है। यहां तक कि यह भी कहा गया कि मृत युवती का रेप ही नही हुआ बल्कि उसके परिजनों ने ही हत्या की। हाथरस में पीड़िता के शासन-प्रशासन द्वारा किए गए अमानवीय व्यवहार के विरोध में जनता का आक्रोश सड़कों पर आ गया। दबाव में आई योगी सरकार ने घटना की सीबीआई से जांच की सिफारिश कर दी और साथ में खुद जांच करने के लिए एक एसआईटी का गठन भी किया। इस एसआईटी ने हाथरस गैंग रेप में इस्लामी चरमपंथी संगठनों से लेकर विदेशी फंडिंग का एंगल भी जोड़ दिया। अब एक नई थ्योरी सामने लाई गई है जिसमें इस घटना का संबंध नक्सलियों से जोड़ा जा रहा है। आरोप लगाया जा रहा है कि मध्य प्रदेश की एक डॉक्टर पीड़िता के घर पर उसकी भाभी बन कर रह रही थी। यूपी सरकार का आरोप है कि यह महिला नक्सली है। 
जांच एजेंसियों की इस नई खोज से यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जांच कर रही एजेंसी का कहना है कि यह महिला जबलपुर में डॉक्टर है जो पीड़िता के घर में उसकी रिश्तेदार यानि भाभी बन कर रह रही थी और चेहरे पर घूंघट डाल कर लगातार मीडिया और पुलिस से बात कर रही थी। आरोप यह भी है कि इस महिला ने मीडिया के सामने सरकार के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए। 
कौन है यह महिला-
जांच टीम ने इस महिला का पता लगा लिया है। इस महिला का नाम डॉ राजकुमारी बंसल है और वे जबलपुर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर हैं। 

जबलपुर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन हुआ सख्त-
राजकुमारी की तस्वीरें और वीडियो मीडिया में सामने आने के बाद जबलपुर मेडिकल कॉलेज का प्रबंधन डॉ बंसल पर बेहद सख्त हो गया है। जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन पीके कसार ने कहा, ’एक शासकीय सेवक द्वारा इस तरह के आंदोलनों में शामिल होने को गंभीर कदाचरण माना गया है। मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर राजकुमारी बंसल को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और शासन के नियमों के मुताबिक उन पर कार्रवाई भी की जाएगी।’

मीडिया के सामने आईं डॉ राजकुमारी बंसल, दिया यह बयान-
उधर मीडिया में सुर्खियां बटोर रही और ट्विटर पर टॉप ट्रेंड पर चल रही राजकुमारी बंसल शनिवार को मीडिया के सामने आईं। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होने कहा कि वह मानवता के नाते हाथरस पहुंची थीं। उनका मकसद पीड़िता के परिवार की मदद करना था। डॉ बंसल ने कहा कि वह एक फॉरेंसिक एक्सपर्ट हैं और इस नाते वह पीड़िता के इलाज के दस्तावेज देखना चाहती थीं। हालांकि यह दस्तावेज उन्हे नहीं मिले। उन्होने कहा कि हाथरस की घटना ने उन्हे अंदर तक झंकझोर दिया और वह केवल पीड़िता के परिवार की मदद करना चाहती थीं। पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाना ही उनका मकसद है। 
उन्होने नक्सलियों से किसी भी प्रकार का संबंध होने से इंकार किया और जांच एजेंसियों को चुनौती दी कि वे नक्सलियों से संबंध होने के आरोप को साबित कर के दिखाएं। 
डॉ राजकुमारी बंसल जबलपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाती भी हैं। वह अंबेडकरवादी डॉक्टरर्स एसोसिएशन की सदस्य हैं। जबलपुर में एक समाजसेविका के तौर पर उनकी अच्छी पहचान है।