मतदान - महादान

PLEASE VOTE…..EVERY VOTE COUNTS.

मतदान निर्णय लेने या अपना विचार प्रकट करने की एक विधि है जिसके द्वारा कोई समूह या राजनैतिक पार्टी विचार-विनिमय तथा बहस के बाद कोई निर्णय ले पाते हैं।जनतंत्रात्मक सरकार में ही मतदान को प्रमुख क्षेत्र तथा महत्व प्राप्त होता है।

भारत जैसा युवा देश जिसकी 62 प्रतिशत आबादी 34 वर्ष से कम है। उस देश के युवाओं की जिम्मेदारी बनती है कि वो अशिक्षित लोगों को वोट का महत्व बताकर उनको वोट देने के लिए जागरूक करे,लेकिन यह विडंबना है कि हमारे देश में वोट देने के दिन लोगों को जरूरी काम याद आने लग जाते हैं। कई लोग तो वोट देने के दिन अवकाश का फायदा उठाकर परिवार के साथ पिकनिक मनाने या घुमने चले जाते हैं। कुछ लोग ऐसे भी है जो घर पर होने के बावजूद भी अपना वोट देने के लिए वोटिंग बूथ तक जाने में आलस करते हैं। इस तरह अजागरूक, उदासीन और आलसी मतदाताओं के भरोसे हमारे देश के चुनावों में कैसे सबकी भागीदारी सुनिश्चित हो सकेंगी? साथ ही एक तबका ऐसा भी है जो प्रत्याक्षी के गुण न देखकर धर्म, मजहब व जाति देखकर अपने वोट का प्रयोग करता हैं। यह कहते हुए बड़ी ग्लानि होती है कि वोटिंग के दिन लोग अपना वोट स्वार्थ के चक्कर में बेच देते हैं।

यह हमारे लोकतंत्र की कमी है कि सही और योग्य लोग जो व्यवस्था परिवर्तन करने का जज़्बा रखते है और वे चुनाव लडते है लेकिन मतदाताओं की ऐसी मिलीभगत के चलते वे हार जाते हैं। हमारे देश के लोग अपनी बेटी को किसी को देने से पहले पूरी तहकीकात करते हैं,लेकिन इसके विपरीत वोट ऐसे ही किसी को भी उठाकर दे देते है। वोट भी तो बेटी ही है ना? हम तब तक अच्छी व्यवस्था खड़ी नहीं कर पाएंगे जब तक हम वोट का महत्व और अपने मतदाता होने के फर्ज को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभा नहीं देते हैं। विश्व के कई देशों में वोट देने का अधिकार अनिवार्य है।

आज “जनमानस भड़ास” ये पूछता है कि क्या भारत जैसे सर्वाधिक युवा मतदाता वाले देश में इस पहल का अनुसरण करने के लिए सभी मतदाताओ आगे नहीं आना चाहिए??

जनमानस भड़ास सभी भारतवासियों से यह अपील कर रहा है कि “लोकतंत्र के इस महापर्व” पर हमें यह शपथ लेनी चाहिए कि हम किसी भी प्रलोभन में नहीं फंसते हुए अपने वोट का प्रयोग स्वविवेक के आधार पर पूर्ण निष्पक्षता एवं निष्ठा के साथ करेंगे|”

PLEASE VOTE…..EVERY VOTE COUNTS.