महाराष्ट्र में भाजपा के शासन में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या सबसे ज्यादा

[अमितेश अग्निहोत्री]

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में महाराष्ट्र में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या देश में सबसे अधिक थी। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में उस समय देवेंद्र फड़नवीस मुख्यमंत्री थे और भाजपा की सरकार थी। बाद में उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 यानि साल के 11वें महीने के अंत में सत्ता संभाली। इस दौरान देश भर में 10,281 किसानों ने आत्महत्या की जिसमें 3927 मामले अकेले महाराष्ट्र के थे। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो केंद्रीय गृहमंत्रालय के अंतर्गत काम करता है। 

हर साल महाराष्ट्र में औसतन 3500 किसान आत्महत्या करते हैं-
एनसीआरबी की यह रिपोर्ट बताती है कि महाराष्ट्र में हर साल औसतन 3500 किसाना आत्महत्या करते हैं। यह सिलसिला पिछले कई सालों से चला आ रहा है। 
साल दर साल बढ़ते रहे किसानों की आत्महत्या के मामले-
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में देश भर में कुल 11,379 किसानों ने आत्महत्या की थी और इसमें से 3,661 मामले महाराष्ट्र के थे। साल 2019 में महाराष्ट्र में कुल 3,927 किसानों ने आत्महत्या की, जो कि साल 2016 की तुलना में 266 अधिक है। साल 2014 में 4,000 और साल 2015 में 4,291 किसानों ने आत्महत्या की थी।

देश भर में आत्महत्या के कुल 7.4 प्रतिशत मामले किसानो के-
देश भर में साल 2019 में कुल 10,281 किसानों ने आत्महत्या की। इनमें 4,324 कृषक मजदूर और 5,957 किसान थे। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि साल 2019 में देश भर में हुई कुल आत्महत्याओं के मामलों में से 7.4 प्रतिशत किसानो के थे। 

नहीं काम आया फड़नवीस का लोन माफ करना-
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस किसानों के लिए कर्ज माफी की घोषणा की थी। इस योजना के अंतर्गत राज्य में किसानों का कुल 34,022 करोड़ का कर्ज माफ किया गया। लेकिन एनसीबी के आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि यह सारी कर्ज माफी की योजनाएं कागजों तक ही सीमित रह गईं। 

साल 2016 में देश भर में कुल 11,379 किसानों ने आत्महत्या की थी और इसमें से 3,661 मामले महाराष्ट्र के थे। साल 2019 में महाराष्ट्र में कुल 3,927 किसानों ने आत्महत्या की, जो कि साल 2016 की तुलना में 266 मामलों की वृद्धि है।