चित्रकूट में गैंग रेप पीड़िता दलित युवती की आत्महत्या के बाद दो पुलिस कर्मी निलंबित

चित्रकूट में दलित युवती के साथ गैंग रेप की घटना पर त्वरित कार्यवाही न करने वाले दो पुलिसकर्मी निलंबित हो गए हैं जिनमें थाने के एसएचओ भी शामिल हैं। पिछले सप्ताह कई घंटे तक दुष्कर्म की पीड़ा झेलने वाली दलित युवती ने आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में कर्वी पुलिस स्टेशन के एसएचओ जयशंकर सिंह और सरिया चौकी प्रभारी अनिल साहू निलंबित कर दिए गए हैं। 

क्या है गैंग रेप का पूरा मामला-
घटना 8 अक्टूबर की है जब चित्रकूट कोतवाली के अंतर्गत आने वाले कौमरहा के पुरवा गांव में शौच के लिए जाते समय दलित युवती का अपहरण कर तीन लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। कई घंटो तक युवती के शरीर को नोचने के बाद तीनो आरोपी उस लड़की को बांध कर वही खेत में छोड़ गए। बाद में जब उसके माता-पिता ने उसे ढूढ़ना शुरू किया तो वह खेत में बंधी हुई मिली। इस घटना के पांचवे दिन पीड़िता ने घर में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। इसके बाद परिजनों ने अपनी बेटी का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया और आरोपियों को मौत की सजा देने की मांग को लेकर मैनपुर-कर्वी मार्ग पर धरने पर बैठ गए। बाद में पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का आश्वासन मिलने पर परिजनों ने युवती का अंतिम संस्कार किया। 

पुलिस ने कहा था, ‘‘गैंग रेप का सबूत लाओ‘‘-
पीड़िता के भाई का आरोप है कि जब वह लोग घटना की रिपोर्ट लिखवाने के लिए स्थानीय चौकी पहुंचे तो उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई और घटना के पक्के सबूत लाने के लिए कहा गया। 

आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार- 
युवती की मौत के अगले दिन 14 अक्टूबर को पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। चित्रकूट धाम रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के. सत्यनारायण ने कहा कि मां की शिकायत के आधार पर तीन आरोपियों के खिलाफ पोक्सो और एससी/ एसटी अधिनियम के तहत सामूहिक दुष्कर्म और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।
उधर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में युवती की मौत का कारण दम घुटना बताया गया है।