लखनऊ : आग से क्षतिग्रस्त हो चुकी ऐशबाग स्थित धोबीघाट झुग्गी का भाकपा (माले) जांच दल ने किया दौरा।

लखनऊ के ऐशबाग इलाके स्थित धोबीघाट झुग्गी बस्ती में 11 अक्टूबर को देर रात लगभग 1 बजे आग लग गयी जिसकी चपेट में कई झुग्गियां आ गईं। हालांकि इस अग्निकांड में किसी की जान नहीं गई लेकिन माल और मवेशियों का काफी नुकसान हुआ। इस झुग्गी में बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूर, कारीगर, घरों में चौका-बर्तन करने वाली स्त्रियां, और दलित तबके की आबादी रहती है। 
बुधवार को भाकपा (माले) के पांच सदस्यीय दल ने उस इलाके का दौरा किया। जांच दल में भाकपा (माले) के जिला सचिव कॉमरेड रमेश सिंह सेंगर सहित कॉमरेड चन्द्रभान गुप्ता, कामरेड अतुल उपाध्याय, कामरेड शिवम सफीर तथा कॉमरेड आयुष श्रीवास्तव शामिल थे। जांच दल ने सभी लोगों से मिलकर उन्हें प्रशासन से मदद दिलाने और उनके पुनर्वास की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया।

वहां उपस्थित लोगों के अनुसार 11 अक्टूबर की रात को अचानक कथित रूप से गैस सिलेंडरों के फटने से रात करीब 1 बजे अफरा तफरी का माहौल हो गया था। जब तक लोगों की आंख खुली तब तक आग काफी बड़े हिस्से में फैल चुकी थी। लोग सिर्फ अपनी और अपने बच्चों की जान बचा पाते तब तक देखते ही देखते लगभग 20 घर पूरे सामान सहित राख के ढेर में बदल गए। 

वहां मौजूद मोहम्मद कमर ने बताया कि 30 अक्टूबर को उनकी बेटी की शादी थी। अपनी बेटी को देने के लिये वे सिलाई मशीन लाए थे जोकि आग की भेंट चढ़ गई। उसी के साथ शादी की तैयारी का सारा सामान और नकदी भी जल गई। इसी बस्ती में रहने वाली नजमा अपने बैटरी रिक्शे की जली हुई बॉडी दिखाकर कहती हैं कि यही हमारे घर की रोज़ी रोटी का सहारा था ये भी जल गया अब हम क्या करेंगे कुछ समझ नहीं आ रहा है। चँदा शाह पल्लेदारी का काम करते हैं। उन्होनें 10000 रूपये की नकद पूंजी जो उन्होने अपनी झुग्गी में रखी थी जो जल कर राख हो गयी। वहां मौजूद रीता का कहना है कि अब हमारे सिर की छत भी छिन गयी अब हम कहाँ रहेंगे।

इसी तरह बहुत से परिवारों का भारी नुकसान हुआ है और उनकी रोज़ी रोटी पर संकट मंडरा रहा है। अभी तक प्रशासन और सरकार ने कोई मदद नहीं की है। कुछ मोहल्ले वाले खाने वगैरह का प्रबंध कर रहे हैं लेकिन वो पर्याप्त नहीं है। झुग्गी वासियों का कहना है कि असली सवाल हमारे लिए ये है कि हमारे सिर पर से जो छत हट गई है वो कैसे वापस मिले। वे चाहते हैं कि सरकार उनकी झुग्गियों को फिर से बनाकर दे।

पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल के बाद भाकपा (माले) ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है कि :-

1. पीड़ित परिवारों को फौरी राहत के लिए सरकार प्रति परिवार 50,000 रूपए का मुआवजा दे।
2. उनके फौरी भरण पोषण के लिए पर्याप्त राशन की व्यवस्था किया जाय।
3. पीड़ित परिवारों को उसी जगह पर पक्के आवास की व्यवस्था की जाय।
4. महामारी/बीमारियों के प्रकोप से तथा मच्छरों से बचाने लिए उस इलाके में दवाओं का तत्काल छिड़काव करवाया जाय।