अब प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस द्वारा सरकारी हेलीकाप्टर का इस्तेमाल करने पर उठाया सवाल


चीफ जस्टिस एसए बोबड़े पर ट्वीट कर अवमानना की कार्यवाही झेल चुके वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस पर दोबारा निशाना साधा है। इस बार उन्होने चीफ जस्टिस बोबड़े के कान्हा टाइगर अभयारण्य घूमने के दौरान मध्य प्रदेश सरकार द्वारा उन्हे विशेष तौर पर हेलीकाप्टर मुहैया करवाए जाने पर सवाल उठाया है। 
क्या है पूरा मामला-
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबड़े अक्सर अपने क्रियाकलापों के चलते विवादों में घिरे रहते हैं। उनके तमाम कारनामे देश की सर्वोच्च न्यायपालिका के शीर्ष पद की गरिमा पर सवाल उठाने का मौका देते रहते हैं। ताजा मामला भी कुछ ऐसा ही है। प्रशांत भूषण ने अपने नए ट्वीट में बताया है कि चीफ जस्टिस बोबड़े ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा विशेष तौर पर उपलब्ध करवाए गए हेलीकाप्टर में बैठ कर कान्हा अभयारण्य की सैर की और उसके बाद अपने घर नागपुर गए। उन्होने मध्य प्रदेश सरकार की सेवा स्वीकार की जबकि उनके सामने सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश के अयोग्य ठहराए गए विधायकों का मामला लंबित है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की भाजपा सरकार का भविष्य भी इन विधायकों पर चीफ जस्टिस के आगामी फैसले पर टिका है। 

पहले भी कानून को ठेगा दिखा चुके हैं बोबड़े-
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के दौरान देश भर में लगे लॉकडाउन के दौरान चीफ जस्टिस बोबडे़ की तस्वीर वायरल हुई थी जिसमें वह अपने गृह नगर नागपुर में किसी परिचित की हर्ले डेविडसन बाइक पर बैठे दिखाई दिए थे। बोबड़े की इस तस्वीर पर काफी विवाद हुआ और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने इस पर ट्वीट भी किया। इस तस्वीर में देखा जा सकता था कि बोबड़े ने मास्क नही पहन रखा है और लोगों से घिरे हुए हैं। लॉकडाउन के उस दौर में बिना मास्क पहने निकलने पर लोगों पर जुर्माना लगाया जा रहा था लेकिन बोबड़े शायद यह दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि वह कानून से ऊपर हैं। 
जस्टिस बोबडे रविवार को मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में स्थित कान्हा नेशनल पार्क पहुंचे थे और मंगलवार को वहां से लौटे थे। उच्चतम न्यायालय सोमवार से दशहरा की छुट्टियों के लिए बंद हो गई थी और अगले हफ्ते फिर से खुल जाएगी।

जस्टिस बोबड़े के फैसले पर टिकी है शिवराज सिंह चौहान सरकार का भविष्य-
गौरतलब है कि इस साल मार्च में मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अपने की कुछ विधायकों के कारण गिर गई थी। इस मामले में कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बोबड़े, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम ने मध्य प्रदेश के एक कांग्रेसी विधायक की याचिका पर विचार करने की सहमति दी जिसमें 22 कांग्रेस विधायकों के खिलाफ उनके द्वारा लिए गए अयोग्य ठहराए गए आवेदन को खारिज करने के प्रो-टेएम स्पीकर के फैसले को चुनौती दी गई थी।
जस्टिस बोबड़े का विवादों से नाता रहा है और इसी साल जून में प्रशांत भूषण ने जस्टिस बोबड़े को लेकर कुछ ट्वीट किए थे। इन्ही ट्वीट्स को लेकर प्रशांत भूषण को अवमानना की कार्यवाही का सामना करना पड़ा और सुप्रीम कोर्ट ने उन पर एक रूपये का सांकेतिक जुर्माना भी लगाया था।