बिकरू कांड : 30 आरेपियों पर लगा गैंगस्टर

3 जुलाई 2020 को चौबेपुर थाना अंतर्गत बिकरू गांव में पुलिस पार्टी पर घात लगा कर हमला कर 8 पुलिसकर्मियों को मौत की नींद सुलाने वाले 30 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। बिकरू में उक्त तारीख को डीएसपी देवेंद्र मिश्रा सहित 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इसके अलावा आधा दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल भी हुए थे। 

क्या कहते हैं पुलिस के आला अधिकारी-
एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्त का कहना है कि पकड़े गए आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है क्योंकि जांच में पुष्टि हुई है कि “उन्होंने असामाजिक और सरकार विरोधी गतिविधियों के लिए एक गिरोह के रूप में काम किया, साजिश रची और इससे जनता में दहशत फैली।“
डीआईजी प्रीतिंदर सिंह ने बताया है कि जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद जेल में बंद सभी आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। 
36 आरोपियों में 6 मुठभेड़ में मारे गए-
शुरूआत में इस मामले में पुलिस ने विकास दुबे सहित 6 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। घटना वाले दिन से लेकर 10 जुलाई की तारीख तक इनमें से 6 आरोपियों को पुलिस ने कथित एनकाउंटर में मार गिराया। इन आरोपियों में महिलाएं भी शामिल हैं। 

इन आरोपियों का हुआ था एनकाउंटर-
बिकरू शूटआउट केस में सबसे पहले विकास दुबे के मामा प्रेम कुमार पांडेय और चचेरे भाई अतुल दुबे का एनकाउंटर तीन जुलाई की सुबह बिकरू गांव से करीब दो किमी दूर जंगल में हुआ था। दोनों एक मंदिर में छिपे थे। इसके बाद 8 जुलाई को विकास के राइट हैंड और शार्प शूटर अमर दुबे को हमीरपुर में मारा गया। इसके ठीक अगले दिन 9 जुलाई को उसके करीबी प्रभात का कानपुर में और बऊआ दुबे का इटावा में एनकाउंटर हुआ था। सभी एनकाउंटर में लगभग एक जैसी थ्योरी सामने आई कि वे पुलिस पर हमला कर भागने की कोशिश कर रहे थे।