क्या ज़हर पी रहा है?? INDIA

प्राचीनकाल ही नहीं वरन् आज के समय में भी दूध सभी वर्ग के प्रतिदिन की आवश्यकता है|नवजात शिशु का पहला आहार दूध ही होता है।चाय-कॉफी से मेहमानों का सत्कार करना हो या फिर स्वयं को ताजगी देनी हो, हम निरंतर इसका प्रयोग करते चले आ रहे है।यहीं नहीं घर में छोटे बच्चों की भूख मिटानी हो या बढ़ते बच्चों में कैल्शियम एवं पोषक तत्वों की कमी को पूरा करनी हो,इसके लिए दूध नितांत आवश्यक है।ऐसे में यदि दूध में हानिकारक रसायनों व पदार्थों की मिलावट हो तो यही स्वास्थ्यवर्धक जहर का काम करता है।आज मानको पर खरा न उतरने वाला मिलावटी दूध हमारी सेहत बिगाड़ रहा है।शहर में बेचने के लिए लाए जा रहे दूध में पानी के साथ ही साथ अन्य रसायनों की मिलावट सेहत को नुकसान पहुंचा रही है।प्रतिदिन हजारों लीटर दूध विभिन्न माध्यमों से शहर में आ रहा है।लेकिन ग्राहकों को उनके द्वारा चुकाए जा रहे पैसे के बदले में कितना शुद्ध दूध मिल रहा है? यह कह पाना मुश्किल है।




आज जनमानस भड़ास अपने व्यूवेर्स को बता रहा हैं कि मिलावटी दूध के प्रयोग से आप किन रोगों से ग्रसित हो सकते हैं:

चिकित्सकों के अनुसार,दूध में बैक्टीरिया होने की वजह से फूड पॉइजनिंग, पेट दर्द, डायरिया, टाइफाइड, उल्टी, लूज़ मोशन होने का भी खतरा है। कई बार इन्फेक्टेड मिनरल्स की मिलावट होने पर हाथों में झनझनाहट या जोड़ों में दर्द भी शुरू हो जाता है| जो कुछ समय बाद गठिया,साइटिका या ऑर्थराइटिस जैसी गंभीर रोगों में परिवर्तित हो जाते है| बीमारियों का सिलसिला अभी ख़त्म नहीं हुआ.....अगर दूध में कीटनाशक या केमिकल्स की मिलावट है या पैकेजिंग में गड़बड़ है,तो इसका इस्तेमाल आपके शरीर पर लंबे समय के लिए बुरा प्रभाव डाल सकता है। मिलावटी दूध को काफी समय तक लगातार पीते रहने से आपको लिवर या किडनी डैमेज,आंतो में इन्फेक्शन जैसी खतरनाक बीमारियाँ हो भी सकती है।आज मिलावटी दूध में कुछ ऐसे केमिकल्स भी मिलाये जा रहे है जिनका सेवन 10 साल या इससे अधिक समय तक किये जाने से आपको कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने की आशंका भी है।




कैसे बनता है मिलावटी दूध?

आज जनमानस भड़ास अपने व्यूवेर्स को बताने जा रहा है कि कैसे ये मिलावटखोर सिंथेटिक दूध बना कर हमें लूटने के साथ ही साथ हमारे शरीर और सेहत से भी खिलवाड़ कर रहे है जिसका खामियाजा हमारे परिवार को भुगतना पड़ रहा है|

1 लीटर दूध 30 रुपए का लेकर उसमे 1लीटर रिफाइंड और 100 ग्राम लिक्विड डिटरजेंट मिलाकर फेंटने के बाद उसमें 8 लीटर पानी मिलाने पर 10 लीटर सिंथेटिक दूध बन जाता है।10 लीटर सिंथेटिक दूध की कीमत 115 रुपए आती है,जबकि यह दूध गांव में 46 रुपए प्रति लीटर वहीं शहर में तो 55 रुपए प्रति लीटर की दर से बिकता है।ये दूध गाढ़ा दिखता है इसलिए हम लोग इसकी सच्चाई जाने बिना इसे अच्छे दामों पर खरीद लेते हैं,लेकिन आज इन मिलावटखोरों के नकली दूध का यह भारी मुनाफा आज हमारी जान का भी दुश्मन बन गया है।

आगे जनमानस भड़ास बतायेगा कि हम सभी कैसे इस जानी दुश्मन से बच सकते है??

भड़ास अभी बाकी है....