हर बूँद है अनमोल....

पानी की समस्या आज सिर्फ हमारे शहर,प्रदेश ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण देश में है| पानी की निरंतर हो रही बर्बादी से सम्पूर्ण भारतवर्ष परेशान है, तभी तो जब भी हमारे देश या प्रदेश में जल संकट का मुद्दा उठाया जाता है तो वह तुरंत हीं सुर्खियों में आ जाता है,लेकिन थोड़े समय बाद वह अपने आप ही कहीं खो भी जाता है| इसीलिए आज जनमानस भड़ास अपने व्यूवर्स से पूछ रहा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? हम सभी जानते हैं कि पिछले कुछ दशकों से जल संकट बहुत विकट समस्या बन चुकी है ,इसलिए अगर हमने आज से ही इस पर ध्यान देकर इसका समाधान नहीं किया तो ये समस्या हमारी आने वाली पीढियों को ही  अपना शिकार बना लेगी|


          


आज जो लोग गाँव मे रह रहे है उन्हें पानी की अहमियत पता है| सारा गाँव एक ही जगह पर पानी भरने जाता है। गाँव में जो पहले आता-वह पहले पाता है, के नियम पर पानी भरने दिया जाता है। कई बार उस चक्कर में लोग आपस में भिड़ भी जाते हैं|

जबकि इसके  विपरीत हमारे शहर में जब पानी नहीं आता, तो हम लोग फोन करके अपने रिश्तेदारों या दोस्तों या दुकानों से पानी की बड़ी-बड़ी बोतलें मंगवा लेतें है,लेकिन गाँवों में अभी भी लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। उन्हें देखकर लगता है कि सिर्फ वही हैं जो पानी की असली अहमियत को समझते हैं, क्योंकि उन्होंने आसानी से मिलने वाले पानी के लिये भी काफी मेहनत की है और आज भी कर रहें है| कई वर्षों के इन्तजार के बाद अब उन्हें घर में एक नल मिला है,जिससे वे अपनी जरूरत के हिसाब से पानी भर लेते हैं। कई लोग तो उनमें ऐसे भी हैं जिनको मोहल्ले के हिसाब से पानी मिल रहा है। अभी भी हमारे देश में कई गाँव और शहर ऐसे हैं जहाँ पर चार से पाँच परिवारों को पानी के लिये एक ही कनेक्शन दिया गया है और उसी से पानी भरकर वे जीवन चला रहे है|  





अक्सर हम अपने शहर में देखते है कि बिल्डिंग की छतों से घंटों तक पानी बहता रहता है। कई घंटे बाद जब बिल्डिंग में रहने वालों को पता चलता है या कोई उन्हें बताता है,तब वह जाकर नल या वाटर पंप को बंद करते है| ऐसे में अगर जल विभाग द्वारा पानी बर्बाद करने पर फाइन लगा दिया जाए तो भी इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि पैसा इनके लिये कोई मायने नहीं रखता है,शायद। इससे महँगा तो उनके घरों में हर दिन पीने का पानी मँगाया जा रहा है। इसलिए आज जनमानस भड़ास आपको सोचने पर मजबूर कर रहा है कि जो पानी आप भी बेवजह बहा दे रहे है, असल में उसकी अहमियत कितनी है? इसके साथ ही साथ जनमानस भड़ास अपने व्यूवार्स से ये अपील कर रहा है की  जितने पानी जरुरत हो उतना ही पानी इस्तेमाल करें| अपने बच्चों और अपने साथ के लोगों को भी पानी  की अहमियत को बताये,जिससे की वो भी पानी बर्बाद न करें| हमें पानी की हो रही बर्बादी को बंद करना होगा जिससे कि हमारी पने वाली पीढ़ी इसका शिकार न बनें| इस बर्बादी को रोकने की पहल हमें सबसे पहले अपने घर से ही करनी होगी......क्योकि.......जल ही जीवन है|

 

जल है-तो कल है.....और हमारी आने वाली पीढ़ी के मायने भी|