सफर में मौत का सामान...

अगर आपने चंद पैसों की बचत के लिए अपने वाहन में डुप्लीकेट सीएनजी किट लगवाई है तो जरा सावधान हो जाइये। शहर में आए दिन वाहनों में आग लगने की हो रही घटनाओं ने एक बार फिर से वाहनों की सेफ्टी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब तक वाहनों में आग लगने की अधिकांश घटनाओं में शार्टकट या फिर सीएनजी, एलपीजी किट लीकेज से आग लगने की बात सामने आई है। अक्सर लोग ज्यादा एवरेज के चक्कर में अपने प्राइवेट वाहनों में सीएनजी(कॉम्प्रेस्ड नेचुरल गैस) या एलपीजी किट लगवा रहे हैं। लेकिन, उसमें भी बचत के चक्कर में वो खुद की सेफ्टी से खिलवाड़ कर रहे हैं और जिम्मेदार अपनी आंखें बंद किए हुए हैं। 

इसलिए लगती है वाहनों में आग

सीएनजी फिटेड वाहनों में आए दिन आग लगने से इसका कारण जानने के लिए जनमानस भड़ास ने कुछ स्पेशलिस्ट से बात की। मारूति में रिलेशनशिप मैनेजर मोहित रोहिरा ने बताया कि सीएनजी एक बहुत तेज ज्वलनशील पदार्थ है। लोग बचत के चक्कर में अक्सर अपने पेट्रोल वाहनों में बाहर से सीएनजी किट लगवाते  हैं, जो कंपनी फिटेड वाहनों से कीमत में काफी कम होते हैं। उन्होंने बताया कार में पीछे रखी टंकी से गैस पाइप के माध्यम से इंजन तक पहुंचती है, जिससे पूरी कार ही गैसे की चपेट में होती है। इस बीच घटिया पाइप या गलत की गई फिटिंग से गैस लीकेज होने से आग लगने के ज्यादा चांसेस होते हैं। 

किट लगाने में ऐसे देते हैं धोखा

 


मारूति सर्विस एडवाइजर सुनील कुमार शाक्य ने बताया कि कंपनी फिटेड सीएनजी किट वाहन की कीमत सामन्य वाहन से करीब 50-70 हजार रुपए तक ज्यादा होती है। जबकि, उसी वाहन में बाहर से 25-35 हजार रुपए तक में सीएनजी किट लगा दी जाती है। इसमें किट लगाने वाले ऐसा खेल करते हैं, जो वाहन स्वामी को समझ नहीं आता और इसी कारण अक्सर ऐसे वाहनों में आग जाती है। सीएनजी टंकी से इंजन तक गैस को  पास करने वाले पूरे पाइप में सिलिकॉन की कोटिंग की जाती है, जिसकी कीमत करीब 15 हजार रुपए बैठती है। सिलिकॉन की कोटिंग गैस रिसाव को रोकने के साथ ही गैस को बाहर नहीं आने देती है। जबकि लोकल किट लगाने वाले इस खर्च को बचाते हैं और पाइप की क्वालिटी में भी खेल कर ज्यादा मुनाफा कमाते हैं। 

मांगे सर्टिफिकेट

अमर मोटर्स, ब्रहमनगर के ओनर हरमिंदर सिंह जी का कहना है कि कस्टमर को अवेयर होने के लिए कि वह किट जो अपने वाहन में लगवा रहा है, वह लीगल है या नहीं इसकी जानकारी के लिए उसे ओरिजनल मैन्युफैक्चरर सर्टिफिकेट की मांग करनी चाहिए , ताकि लिखे हुए सीरियल नंबर से पता चल सके कि जो किट उसकी गाडी में लग रही है उसका सीरियल नंबर सेम है या नहीं।

इन घटनाओं में जलकर राख हुए वाहन

 

 

- 2018  नौबस्ता गौशाला चौराहे के पास वैन में अचानक आग लगी। वैन में सीएनजी किट लगी थी।

- 2018 अक्टूबर में एक महीने पहले गोविंदनगर नंदलाल चौराहे के पास खड़ी कार में अचानक आग लग गई। कार में भी किट लगी हुई थी। 

- 2018 अगस्त में गोविंदनगर में ईएसआई कालोनी के पास खड़ी सीएनजी किट लगी वैन में अचानक आग लग गई। 

- 2018  अक्टूबर महीने में बिधनू में सीएनजी फिटेड स्कूल बस में आग लग लगी। 

- 2018 मई में काकादेव में बच्चों को घर छोडऩे  जा रही  सीएनजी फिटेड स्कूल वैन में अचानक आग  लग गई। घटना में सभी लोग बाल-बाल बच गए। 

क्या कहते है आकड़ें?

-10 रजिस्टर्ड सीएनजी किट सेंटर्स हैं शहर में।
- 500 से  ज्यादा अनाधिकृत स्थानों पर लगाई जाती है किट। 
- 02 रजिस्टर्ड सेंटर्स हैं शहर में सीएनजी लीकेज चेकिंग वाले। 
- 50-70 हजार रुपए में लगती है ओरिजनल सीएनजी किट।
- 25-35 हजार रुपए रुपए में बिक रही लोकल व नकली किट।
- 24, 688 सीएनजी मोटर वाहन रजिस्टर्ड हैं,आरटीओ में।
- 775  सीएनजी कैब रजिस्टर्ड हैं

आज जनमानस भड़ास अपने व्यूवर्स से यह अपील करता है कि वह अपने चंद रुपये बचाने के लिए अपने आपको और अपने परिवार को मौत के मुह में न ढकेले,रजिस्टर्ड सीएनजी किट सेंटर से ही अपने वाहन में किट लगवाये।

भड़ास अभी बाकी हैं...