इसलिये समय से पहले बड़े हो रहे बच्चे...

ऐसे कई मामले सामने आये हैं, जहां पर नाबालिग बच्चे छोटी-छोटी बातों में मर्डर जैसे क्राइम कर देते है। वहीं इस तरह के भी मामले हैं जहां स्कूल/कोचिंग पढ़ने वाला बच्चा अपनी क्लासमेट से दुष्कर्म जैसी घटना को अंजाम दे देता है। आखिर क्या वजह है? क्यों इस कम उम्र में भी ये बच्चे अपनी मासूमियत खोते जा रहे हैं? और इतने खतरनाक क्राइम करने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। इन सभी सवालों के जवाब लिए जनमानस भड़ास की टीम ने बाल मनोचिकित्सक डॉ. महमूद से बात-चीत की जिसमे उन्होंने बताया कि यह सच है कि अब बच्चे उम्र के मुकाबले जल्दी बड़े हो रहे हैं, बच्चों का बचपना खत्म होता जा रहा है उनकी मासूमियत समय से पहले ही खत्म हो रही है। आज बच्चे की जिद पूरी ना होना उन्हें बर्दाश्त नहीं होता, जिसकी वजह से बच्चे बहुत ज्यादा शॉर्टटेम्पर होते जा रहे है।

इन्टरनेट का असर

डॉ. महमूद का कहना है कि मोबाइल और इंटरनेट ने बच्चों को एक नई दुनिया का एहसास दे दिया है। यहां से बच्चे काफी कुछ अच्छा सीखते हैं तो कभी-कभी ऐसा भी सीख रहे हैं जो उन्हें नहीं सीखना चाहिये। इंटरनेट और स्मार्टफोंस ने बच्चों को ऐसी जगह भी आने का न्योता दे दिया है जो उन्हें इस उम्र में नहीं मिलना चाहिये।

समय की कमी का बच्चों पर असर

डॉ. महमूद बताते हैं कि आज के समय में पैरेंटिंग में बदलाव भी बड़ा कारण है। आज माता और पिता दोनों ही जॉब करते है,तो इसका भी असर बच्चों पर पड़ता है। बच्चे को जितना वक्त मां और बाप की तरफ से मिलना चाहिये, वह नहीं मिल पा रहा है और यही वजह है कि जो भावनात्मक लगाव उनका और परिवार का होना चाहिए वह नहीं हो पा रहा है।

जानें इसकी वजह

जब कोई नाबालिग बुरी तरह से किसी की हत्या कर देता है या दस-बारह साल का बच्चा किसी छोटी बच्ची के साथ दुष्कर्म करता है तो यह तय है कि इस तरह की वारदात बच्चे ने कहीं देखी है या उसके साथ हुई है, तभी वह ऐसा कर पाया है। इसलिए बच्चों के व्यवहार को ध्यान से ऑब्ज़र्व करे और अगर उसमें आपको कुछ अनोखा या हद पार करने वाला लगे तो तुरंत बाल विशेषज्ञ से संपर्क करें।


आज इन्टरनेट और स्मार्टफ़ोन की इस विस्तारक दुनिया में लगभग सभी जगह प्रयोग हो रहा है। चाहे वह उद्योग हो, शिक्षा हो, चिकित्सा हो या कोई अन्य फील्ड। हम इन्टरनेट के लाभ को भी झुठला नहीं सकते है। आज जनमानस भड़ास अपने व्यूवर्स से अपील कर रहा है कि जिस तरह शिक्षा के क्षेत्र में इन्टरनेट का इस्तेमाल हो रहा है। बच्चों को इसका इस्तेमाल करने देना हमारे लिए ज़रूरी हो गया है। विज्ञान की तरह आज इन्टरनेट और स्मार्टफ़ोन भी हमारे लिए वरदान और अभिशाप के रूप में हो गया है अगर हमारे बच्चे इसका प्रयोग अपनी शिक्षा के लिए करे तो ये वरदान है वरना इसके विपरीत इसका इस्तेमाल अभिशाप का रूप ले लेगा। इस लिए बेहतर है कि आप अपने बच्चे को इन्टरनेट इस्तेमाल करने से न रोके बल्कि समय-समय पर ये देखते रहे ही आपका बच्चा इन्टरनेट का इस्तेमाल सही कर रहा है या गलत। अगर वह इस्तेमाल गलत रूप में कर रहा है तो तुरंत ही उस पर अपना गुस्सा न निकालें बल्कि कुछ समय बाद उसे समझाने की कोशिश करें की वह जो कर रहा है वह गलत हैं।

 

बच्चे के इन्टरनेट और स्मार्टफ़ोन के इस्तेमाल का एक समय निर्धारित कर दें

 

भड़ास अभी बाकी है...