महिलाओं पर बढ़ा अत्याचार, बेबस है योगी सरकार

 

बहुत हुआ महिलाओं पर अत्याचार अबकी बार भाजपा सरकार का नारा काफी मशहूर हुआ था। इस नारे के जरिये महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को मुद्दा बना कर भाजपा अखिलेश यादव की सरकार को बेदखल करने में कामयाब रही। 

 

माँ-बहन-बेटी को सुरक्षा देने का दावा करने वाले योगी सरकार में भी महिलाएं सुरक्षित नही है।

 

प्रदेश सरकार के अंतर्गत आने वाले स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट योगी सरकार के अपराध मुक्त प्रदेश के दावे की पोल खोल रही है।

 

इन आंकड़ो में अखिलेश सरकार के कार्यकाल यानी 16 मार्च 2012 से लेकर 15 मार्च 2017 तक हुए अपराधों का विस्तृत विवरण दर्ज है। वहीं ये आंकड़े 16 मार्च 2018 से लेकर 30 जून 2018 तक यानी योगी सरकार के समय हुए अपराधों की कहानी भी बयां करते है।

 

 

अखिलेश की सरकार के पांच साल यानी 2012 से लेकर 2017 तक बलात्कार के 13981 मामले दर्ज हुए, वहीं दहेज हत्या के 11449,  शीलभंग के 36643, छेड़खानी के 4874, महिला उत्पीड़न के 51027 और पॉक्सो एक्ट के 13727 मामले दर्ज हुए।

 

वहीं योगी सरकार के दौरान 16 मार्च से लेकर 30 जून 2018 तक 107 दिनों के अंदर ही बलात्कार के 5654, शीलभंग के 17249, छेड़खानी के 1410, दहेज हत्या के 3435, महिला उत्पीडन के 20573 और पॉक्सो के अंतर्गत 7018 मामले दर्ज किए गये।

 

अगर इन आंकड़ों का औसत निकाले तो योगी सरकार में 16 मार्च 2018 से लेकर 30 जून 2018 तक हर रोज महिलाओ से सम्बंधित अपराध के 517 मामले दर्ज हुए जिनमे से 52 मामले बलात्कार के थे।

 

वहीं अखिलेश सरकार में महिलाओ से सम्बंधित अपराधों के लगभग 72 मामले रोज दर्ज हुए। बलात्कार के मामलों में यह औसत लगभग 8 मामले हर रोज का रहा।

 

 

यह उस सूबे की तस्वीर है जहां पुलिस खुद कानून हाथ मे लेकर अपराध खत्म करने के नाम पर धड़ाधड़ एनकाउंटर कर रही है। फिर भी अपराधियो में कोई डर नहीं दिख रहा, कम से कम स्टेट क्राइम ब्यूरो के रिकॉर्ड तो यही साबित करते दिख रहे है। भाजपा ने महिलाओं की सुरक्षा को मुद्दा बना कर सपा सरकार को बेदखल करने में सफलता हासिल की लेकिन भाजपा सरकार में ही महिलाएं सबसे ज्यादा असुरक्षित है।


भड़ास अभी बाकी है...