शहर के हर चौराहे से रोजाना करीब 300 वाहन सवार यूथ बिना हेलमेट के गुजर जाता है |
आए दिन होने वाली घटनाओं से भी यूथ नहीं ले रहे सीख
कानपुर: शहर में आए दिन हो रहे सड़क हादसों में जान गंवाने वाले अधिकांश यूथ ही होते हैं | एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि शहर में होने वाले सड़क हादसों में जान गंवाने वाले अधिकांश यूथ ने अपने सिर पर सेफ्टी के लिए कोई इंतजाम नहीं किए हुए थे | या यूं कह सकते हैं कि बिना सेफ्टी का सिर मौत को दावत देने का काम कर रहा है | पिछले साल अप्रैल महीने में चकेरी थानाक्षेत्र में ट्रक की चपेट में आकर दो नाबालिग सहेलियों की मौत हो गई थी | उस वक्त भी पुलिस ने अपनी जांच में बताया था कि अगर दोनों लड़कियों ने हेलमेट पहना होता तो शायद उनकी जान बच सकती थी | आए दिन नाबालिगों के साथ होने वाले हादसों के बाद भी पैरेंट्स खुद भी सीख लेने के तैयार नहीं हैं |कैमरे में कैद हुई सच्चाई:
उन्होंने बताया कि ट्रैफिक रूल्स फॉलो न करने वाले वालों में ज्यादातर यूथ और नाबालिग ही होते हैं | इस बात का खुलासा चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से मिले फुटेज से हो चुका है | इनमें हेलमेट न पहनना, तीन सवारियां बैठा कर वाहन चलाना, रेड लाइट जंप करना जैसे ट्रैफिक रूल्स आए दिन तोड़े जाते हैं | बताया जिन वाहनों के नंबर ट्रेस कर लिए जाते हैं, उनका चालान कर दिया जाता है और कुछ का नंबर ट्रेस न होने से वो खुलेआम घूमते हैं, जिसका खामियाजा उन्हे और उनके पैरेंट्स को रोड एक्सिडेंट के रूप में भुगतना पड़ता है |इस तरह पैरेंट्स उठा सकते हैं जिम्मेदारी:
(नोट- नाबालिगों के लिए सेफ्टी टिप्स एसपी ट्रैफिक सुशील कुमार व एआरटीओ से बातचीत के आधार पर |)
भड़ास अभी बाकी है.....