कोरोना से बचाव का सहारा… ‘नमस्ते’ हमारा !

पूरी दुनिया को अपनी दहशत से दहलाने के बाद कोरोना वायरस भारत आ गया है। भारत में अब तक कुल 114 मामले सामने आए हैं। इनमें 13 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 2 लोगों की जान चली गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय बीमारी के लिए फिक्रमंद है और प्रयास यही हो रहा है कि कैसे भी करके इस बीमारी को हरा दिया जाए। फिलहाल बीमारी से बचने की कोई दवा बाजार में मौजूद नहीं है इसलिए कहा यही जा रहा है कि यदि व्यक्ति साफ़ सफाई रखता है और सावधानी बरतता है तो बड़ी ही आसानी के साथ इस बीमारी को फैलाने से रोका जा सकता है। हम भारतीय कोरोना वायरस को भले ही हल्के में ले रहे हों मगर पूरी दुनिया में लोगों का अंदाज थोड़ा जुदा है। चूंकि कोरोना की एक बहुत बड़ी वजह संक्रमण है, इसलिए दुनिया के तमाम मुल्क बरसों पुरानी हाथ मिलाने की परंपरा का त्याग करके ‘भारतीय नमस्ते’ को अपनाते हुए नजर आ रहे हैं। ताजा मामला लंदन का है जहां एक इवेंट के दौरान खुद प्रिंस चार्ल्स लोगों के हाथ मिलाने  पर उन्हें भारतीय अंदाज़ में ‘नमस्ते’ करते नजर आए हैं। प्रिंस चार्ल्स की ये तस्वीरें इंटरनेट पर बड़ी ही तेजी के साथ वायरल हो रही है जिसको लेकर यूजर्स का भी यही कहना है कि बीमारी के बचाव के लिए जो कुछ भी प्रिंस चार्ल्स ने किया वो ठीक किया। सिर्फ प्रिंस चार्ल्स ही नहीं अभी बीते दिनों ही फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू जैसे लोगों ने भी भारतीय नमस्ते की पैरवी की है और अपने अपने मुल्क के लोगों से कहा है कि इसका अनुसरण करें। ध्यान रहे कि पूरी दुनिया की तरफ यूके में भी कोरोना वायरस को लेकर गफलत मची हुई है और वहां भी एक के बाद बीमारी के नए मामले सामने आ रहे हैं। लोगों को सलाह यही दी जा रही है कि जनता जितना हो सके फिजिकल कांटेक्ट से दूर रहे। रॉयल फैमिली की तरफ से भी जो विज्ञप्ति जारी हुई है यदि उसका अवलोकन किया जाए तो उसमें भी इस बात का जिक्र किया गया है कि लोग किसी से मिलते जुलते वक़्त दूरी बनाए रहे और जितना हो सके हाथ मिलाने  या गले मिलने से परहेज करें। सावधानी ही बीमारी से बचने का एकमात्र उपाय है ऐसे में प्रिंस चार्ल्स लंदन पैलेडियम पर अपनी कार से उतरकर लोगों का भारतीय परंपरा से नमस्ते कर अभिवादन कर रहे हैं।

 

 

प्रिंस चार्ल्स के इस अंदाज के बाद दुनिया भर का माहौल भी एकदम से बदल गया है और लोग विभिन्न प्रकार की  प्रतिक्रिया दे रहे हैं उनका मानना है कि ऐसा करके प्रिंस चार्ल्स ने एक बड़ा सन्देश दिया है। इतना ही नहीं बीते दिनों कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने स्पेन के राजा और रानी का एक बिल्कुल अलग अंदाज में अभिवादन किया। मैक्रों ने हाथ मिलाने कि स्थान पर भारतीय शैली में ‘नमस्ते’ करने को प्राथमिकता दी और उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति मैक्रों की देखा देखी ब्रिगिटे मैक्रों ने भी हाथ नहीं मिलाया और स्पेन की रानी को फ्लाइंग किस देते हुए उनका अभिवादन किया। मैक्रों ने ये क्यों किया इसकी एक बड़ी वजह खुद स्पेन को भी माना जा रहा है जहां कोरोना वायरस के 2,291 मामले सामने आए हैं जबकि फ्रांस में अब तक कोरोना वायरस के 1,962 मामले देखने को मिले हैं। आज कोरोना वायरस का खतरा विश्व के अनेक देशों में फैलता जा रहा है इसलिए इजराइल के पीएम नेतन्याहू ने घोषणा की है कि अब उनके देश के लोग जब भी किसी से मिलें तो वो हाथ मिलाने के बजाए 'भारतीय नमस्ते' को प्राथमिकता दें। नेतन्याहू का मानना है कि यदि ऐसा होता है तो कोरोना वायरस पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकती है। हाल ही में इजराइल में कोरोना के 31 नए मामले सामने आए हैं और वहां पर भी सरकार इसी जद्दोजहद में है कि कैसे इस पर लगाम लगाई जाए। चूंकि कोरोना की एक बड़ी वजह संक्रमण है, इसलिए अभी हाल के दिनों में जर्मनी में भी एक दिलचस्प नजारा देखने को मिला। बीते दिनों जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल बर्लिन में एक शिखर सम्मेलन में भाग ले रही थीं। बैठक में पहुंचते साथ ही उन्होंने जर्मनी के आंतरिक मामलों के संघीय मंत्री से हाथ मिलाने के लिए संपर्क किया जिन्होंने हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया। जो घटना बर्लिन में एंजेला मर्केल के साथ हुई निश्चित तौर से उसने उन्हें आश्चर्य में डाला मगर जब बात निजी सुरक्षा की आती है तो किसी भारतीय के मुकाबले विदेशी उसके प्रति ज्यादा सचेत रहते हैं और 'भारतीय नमस्ते' इसका प्रत्यक्ष उदाहरण बन गया है। गौरतलब है कि भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में लंबे समय से विश्व गुरु बनने की बात कर रहा है और अब जबकि कोरोना का खतरा विश्व के तमाम मुल्कों पर है और जैसे वहां के लोग 'भारतीय नमस्ते' को अपना रहे हैं, कहीं न कहीं भारत का सपना सच हो रहा है। 

 

 

बात जब हाथ मिलाने के बदले ‘भारतीय नमस्ते’ अपनाने की चल रही है तो बता दें कि चाहे वो अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हों या फिर राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लू बुश दोनों ही नेताओं ने कई मौकों पर हाथ मिलाने को एक 'बर्बर' अभ्यास करार दिया है। लेकिन आज जिस हिसाब से ‘भारतीय नमस्ते’ को कोरोना के चलते एक नई पहचान मिलती जा रही है कह सकते हैं कि गांधी और योग के बाद ये ‘भारतीय नमस्ते’ ही होगा जिसे आने वाले वक़्त में सम्पूर्ण दुनिया के लोग हाथों हाथ लेंगे।

नमस्ते करें...सुरक्षित रहें।