दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार हुए जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद के समर्थन और विरोध में भड़काऊ बयानबाजियां शुरू हो गई हैं।दक्षिणपंथियों की तरफ से आग उगलने की शुरूआत भाजपा के नए फायरब्रांड बने नेता कपिल मिश्रा ने की। उन्होने ट्वीट कर कहा कि ताहिर हुसैन और खालिद सैफी का हैंडलर आतंकी सोच वाला उमर खालिद गिरफ्तार हो गया है। दिल्ली दंगे इस्लामिक आतंकियों और अर्बन नक्सलियों की मिली-जुली साजिश थी। अभी उमर खालिद के असली माई बाप भी पकड़े जाएंगे।
कपिल मिश्रा के इस बयान नें ट्विटर पर सक्रिय तमाम यूजर्स को भड़का दिया। एक यूजर ने लिखा कि अगर सही से जांच हो जाए तो तेरे जैसे आतंकवादी को फांसी हर हाल में हो जाएगी। सोशल मीडिया के इस प्लेटफार्म पर यूजर्स कपिल मिश्रा के दिल्ली दंगों से पहले दिए गए भाषण का वीडियो भी पोस्ट कर रहे हैं। दिल्ली दंगों से पहले भी उनके तमाम भड़काऊ भाषणों के वीडियो वायरल हो चुके थे। कपिल मिश्रा आज भी मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलने का कोई मौका जाया नही करते हैं।
कपिल मिश्रा पर भी हैं दिल्ली दंगों में शामिल होने के आरोप
गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में इस साल की शुरुआत में हुए दंगों में पुलिस के एक कांस्टेबल रतनलाल मारे गए थे। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए लेकिन उन पर कोई भी मुकदमा दर्ज नही हुआ। कई गवाह ऐसे भी हैं जिन्होने आरोप लगाया है कि उन्होने कपिल मिश्रा के लोगों को सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के पंडालों को आग के हवाले करते हुए देखा। हालांकि इन गवाहों से पूछतांछ करने की कोई जरूरत नही महसूस की गई।
उमर खालिद के समर्थन में उतरे प्रशांत भूषण
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रषांत भूषण ने उमर खालिद की गिरफ्तारी की निंदा की है। उन्होने ट्विटर पर कहा है कि उन्हे दिल्ली दंगों की जांच के कुकृत्य पर तनिक भी संदेह नही रह गया है। भूषण ने कहा है कि येचुरी, योगेंद्र यादव, जयंती घोष और अपूर्वानंद का नाम शामिल किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा उमर खालिद की गिरफ्तारी ने दिल्ली दंगों की जांच में दुर्भावनापूर्ण कृत्य को लेकर थोड़ा भी संदेह नही रहा। उन्होने कहा कि यह जांच के नाम पर शांतिपूर्ण कार्यकर्ताओं को फंसाने की साजिश है।
दिल्ली दंगों के बारे में यह भी जानिए
इस साल 23 से 26 फरवरी के बीच उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में तकरीबन 53 लोगों की मौत हो गई।
दिल्ली पुलिस ने इन दंगों की जांच कर 751 एफआईआर दर्ज की हैं। हालांकि पुलिस इन दंगों से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की मांग को मानने से इंकार करती रही है। पुलिस का कहना है कि इन दस्तावेजों में कई जानकारियां ऐसी हैं जो संवेदनशील हैं इसलिए इन दस्तावेजों को वेबसाइट पर लोड नही किया जा सकता।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल का कहना है कि जेसीसी, पीएफ़आई, पिंजरा तोड़, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट से जुड़े लोगों ने साज़िश के तहत दिल्ली में दंगे कराए।
दिल्ली पुलिस ने अभी तक जिन महत्वूर्ण छात्र नेताओ और सामजिक कार्यकर्ताओ को दंगा भड़काने के जुर्म में जेल भेजा है उनके नाम हैं-