पंजाब, हरियाणा और देश भर के किसानों के भारी विरोध को धता बताते हुए मोदी सरकार ने राज्यसभा में कृषि संबंधी विधेयक पास करवा लिए हैं। सरकार ने राज्यसभा में कहा है कि ये विधेयक किसानों के लिए क्रांतिकारी साबित होने जा रहे हैं। कृषि मंत्री संतोष गंगवार ने कहा है कि किसानों की फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही की जाती रहेगी।
इससे पहले इन विधेयकों पर चर्चा के समय सदन में तीखी नारेबाजी और नोंकझोंक हुई। विपक्षी सांसद सदन की वेल में आ गए और नारेबाजी की। सदन की अध्यक्षता कर रहे उपसभापति हरिवंश ने सांसदों से अपील की कि वे लोग अपनी सीटों पर लौट जाएं। इन विधेयकों के पास होने के बाद सदन की कार्यवाही कल सुबह 9 बजे तक स्थगित कर दी गई है।
बहस के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने रविवार को राज्यसभा में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने वायदा किया था कि साल 2020 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी लेकिन यह 2028 से पहले दोगुनी नहीं होगी। राज्यसभा में पेश किए गए कृषि विधेयकों पर चर्चा करते हुए, तृणमूल सांसद ने कहा, “प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। आपने 2020 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था। मौजूदा दर पर, यह 2028 से पहले नहीं होगा।“
कांग्रेस ने इन विधेयकों को किसानों का डेथ वारंट बताया।
हालांकि सरकार की तरफ से विपक्षी सांसदों को समझाने की कोशिशें की गईं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पीएम मोदी जी ने 2014 में कामकाज संभालने के बाद कहा था कि किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए उनकी सरकार काम करेगी। किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए छह सालों में कई प्रयास किए गए हैं। किसान कहीं भी अपनी फसलों की बिक्री कर सकेंगे और उन्हें मनचाही कीमत पर फसल बेचने की आजादी होगी। उन्होंने कहा कि इनमें किसानों को संरक्षण प्रदान करने के प्रावधान भी किए गए हैं। तोमर ने कहा कि इसमें यह प्रावधान भी किया गया है कि बुआई के समय ही कीमत का आश्वासन देना होगा। तोमर ने कहा कि दोनों विधेयकों के प्रावधानों से बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और किसानों को बेहतर कीमतें मिल सकेंगी। उन्होंने कहा कि विधेयक को लेकर कुछ धारणाएं बन रही हैं जो सही नहीं है और यह एमएसपी से संबंधित नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि एमएसपी कायम है और यह जारी रहेगा।