अच्छे दिनों का जुमला पकड़ा कर सत्ता में आई मोदी सरकार हर गैरवाजिब वजहों से जनता की जेब पर डाका डालना चाहती है। सरकार अब एटीएम से पैसे निकालने वालों की जेब से पैसे निकालने की नई जुगत भिड़ाने की तरकीब लगा रही है। खबर है कि एटीएम से पांच हजार से ज्यादा की राशि निकालने पर ग्राहकों को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा। यह शुल्क पांच फ्री ट्रांजेक्शन से अलग होगा। एटीएम से पैसे निकालने पर लगाए जाने वाले चार्ज पर 8 साल बाद बढ़ोत्तरी की योजना बन चुकी है।
क्या है योजना-
भारतीय रिजर्व बैंक ने एटीएम शुल्क समीक्षा के लिए एक समिति बनाई थी। इस समिति ने अपनी सिफारिशें आरबीआई को सौंप दी हैं। इसके बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि बैंक आठ साल बाद एटीएम से पैसे निकालने पर लगने वाले शुल्क में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं। अभी तक एटीएम से पांच ट्रांजेक्शन फ्री हैं और छठे ट्रांजेक्शन पर ग्राहक के खाते से 20 रूपये कट जाते हैं।
छोटे शहरों के मध्यमवर्गीय ग्राहक बनेंगे निशाना-
इस समिति ने 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में एटीएम द्वारा पैसे निकाले जाने पर जोर दिए जाने की सिफारिश की है। समिति की सिफारिशें मानी जाती हैं तो ग्राहकों को एक बार में 5,000 रूपये निकालने पर 24 रूपये तक का शुल्क देना पड़ेगा। छोटे शहरों के ग्राहकों को दूसरे बैंक के एटीएम से हर महीने 6 ट्रांजेक्शन तभी फ्री मिलेंगे अगर निकाली गई रकम 5,000 रूपयों से कम है। हालांकि 5,000 रूपये से कम के ट्रांजेक्शन को इस कैटेगरी से बाहर रखा गया है। उसमें पहले से निर्धारित शुल्क ही लगेगा।