फेसबुक इंडिया की पॉलिसी हेड अंखी दास ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होने जनसेवा में अपनी रूचि के अनुसार काम करने की इच्छा को अपने इस्तीफे की वजह बताया है। उन्होने कहा, ‘‘मैंने फेसबुक से इस्तीफा देने का निर्णय किया है ताकि जन सेवा में अपनी व्यक्तिगत रूचि के अनुसार काम कर सकूं। वर्ष 2011 में जब मैंने फेसबुक जॉइन किया था, तब देश में इंटरनेट का विकास काफी कम था और मैं सोचती थी कि सामाजिक और आर्थिक विषमता को कैसे दूर किया जाए। देश के लोगों को जोड़ने के अपने मिशन और उद्देश्य के तहत उस समय हम एक छोटा सा स्टार्टअप थे। नौ साल के लंबे समय के बाद मुझे लगता है कि यह मिशन काफी हद तक पूरा हो चुका है।’‘
कौन हैं अंखी दास-
अंखी दास फेसबुक इंडिया के शुरूआती दौर की कर्मचारियों में से एक हैं। वह कंपनी की भारतीय शाखा की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर थीं। इस साल अगस्त में उनका नाम खबरों की सुर्खियां बन गया जब अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक रिपोर्ट छापी जिसमें बताया गया था कि अंखी दास ने भारत में साल 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले फेसबुक पर दक्षिणपंथी भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं द्वारा नफरत फैलाने वाली सामग्रियों को हटाए जाने का विरोध किया और यह सामग्रियां बकायदा फेसबुक पर बनी रही। अंखी दास का कहना था कि इन सामग्रियों पर कार्यवाही करने के कारण भारत में कंपनी के व्यवसायिक हितों को नुकसान पहुंच सकता था। इसके अलावा अमेरिकी अखबार का यह भी कहना था कि अंखी दास साल 2014 के चुनावों के दौरान भी भाजपा के लिए काम करती रहीं और उन्होने बकायदा कंपनी के अधिकारियो को मैसेज भेजे जिसमें भाजपा का समर्थन किए जाने की बात कही गई। यह सब फेसबुक की कथित निष्पक्ष रहने और हिंसा और नफरत फैलाने वाली सामग्रियों पर रोक लगाने की नीतियों के बिल्कुल उलट था। अमेरिकी अखबार में छपी रिपोर्ट में तेलंगाना से बीजेपी विधायक टी राजा सिंह की एक पोस्ट का हवाला दिया गया था जिसमें कथित रूप से अल्पसंख्यकों के ख़लिफ़ हिंसा की वकालत की गई थी। वॉल स्ट्रीट जर्नल फ़ेसबुक के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों से बातचीत के आधार पर लिखी गई इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि फ़ेसबुक के कर्मचारियों ने तय किया था कि पॉलिसी के तहत टी राजा सिंह को बैन कर देना चाहिए, लेकिन अंखी दास ने सत्तारूढ़ बीजेपी के नेताओं पर हेट स्पीच नियम लागू करने का विरोध किया था। अमेरिकी अखबार ने लिखा, “देश में कंपनी की शीर्ष पब्लिक-पॉलिसी अधिकारी अंखी दास ने नफ़रत फैलाने वाले भाषणों के नियम को टी राजा सिंह और कम-से-कम तीन अन्य हिंदू राष्ट्रवादी व्यक्तियों और समूहों पर लागू करने का विरोध किया जबकि कंपनी के भीतर से लोगों ने इस मुद्दे को ये कहते हुए उठाया था कि इससे हिंसा को बढ़ावा मिलता है।“
अंखी दास साल 2004 में माइक्रोसॉफ्ट की पब्लिक पॉलिसी हेड हुआ करती थीं। अक्टूबर 2011 में उन्होने फेसबुक इंडिया के लिए भारत में पब्लिक पॉलिसी हेड के तौर पर काम करना शुरू किया। अंखी दास ने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से साल 1991-94 के सत्र में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और राजनीति शास्त्र में मास्टर डिग्री की पढ़ाई की। कलकत्ता के प्रतिष्ठित लॉरेटो कॉलेज से उन्होने स्नातक की पढ़ाई की है।