हाथरस में दलित युवती के साथ गैंग रेप के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार पर सख्त रूख अपना लिया है। कोर्ट ने योगी सरकार से सवाल पूछा है कि हाथरस के डीएम पर कार्यवाही क्यों नही की गई। गौरतलब है कि हाथरस कांड में डीएम की भूमिका शुरू से ही विवादों के घेरे में रही है। सोशल मीडिया पर पीड़िता के परिजनो को धमकाते हुए डीएम का वीडियो वायरल हुआ था जिसकी कड़ी आलोचना हुई थी। पीड़िता के परिजनों ने यह भी आरोप लगाया था कि डीएम प्रवीण कुमार ने उनकी बेटी का शव अंतिम बार घर लाने की अनुमति भी नही दी।
अगली सुनवाई की तारीख 25 नवंबर-
हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 25 नवंबर नियत की है। कोर्ट ने सीबीआई से मामले की स्टेटस रिपोर्ट भी इसी तारीख को दाखिल करने को कहा है।
स्वतः संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई कर रहा है हाईकोर्ट-
गौरतलब है कि हाथरस मामले का हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति पंकज मिततल और न्यायमूर्ति पंकज रॉय की पीठ कर रही है। यहां यह भी ध्यान देने योग्य है कि इस मामले की सुनवाई बंद कमरे में हो रही है।
क्या कहा योगी सरकार के वकील ने-
योगी सरकार के वकील ने अदालत को भरोसा दिलाया है कि सरकार इस मामले में 25 नवंबर तक कोई न कोई फैसला जरूर ले लेगी। सरकारी वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि कथित गैंगरेप मामले में एसपी को जांच को सही तरीके से संचालित करने में कमी के कारण निलंबित कर दिया गया था।
19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित तौर पर 14 सितंबर को हाथरस में उच्च-जाति के चार पुरुषों द्वारा बलात्कार किया गया था। उपचार के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई।
इससे पहले हाथरस के डीएम और एसपी ने अदालत में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि पीड़िता के शव का रात में अंतिम संस्कार करवाने का फैसला हालात को देखते हुए लिया गया था।