- शहर में जगह जगह हुए अतिक्रमण से बिगड़ी ट्रैफिक की चाल, लोगों ने खुद ही खड़ी की अपने लिए विकराल समस्या :
कानपुर : आज शहर भर का ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझता नजर आता है | इसके पीछे जहां एक ओर अव्यवस्थित ट्रैफिक सिस्टम तो दूसरी ओर हर गली, नुक्कड़ और सड़क पर दिखने वाला अतिक्रमण भी है | शहर की अधिकांश बाजारों में दुकानदारों ने सड़कों तक में कब्जे जमा रखे हैं | जब कभी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाए जाते हैं, तो कुछ दिनों तक तो अतिक्रमण नजर नहीं आता, लेकिन दोबारा फिर से पुरानी स्थिति बन जाती है | बात अगर इस अतिक्रमण के कारणों की करें तो हम सिर्फ एडमिनिस्ट्रेशन पर आरोप नहीं लगा सकते हैं, हम सब कहीं न कहीं इस समस्या के खुद बड़े जिम्मेदार हैं | जब हम अतिक्रमण के कारण परेशानियों से जूझते हैं तो अतिक्रमण करने वाले को कोसते हैं, जबकि कहीं न कहीं हम खुद भी इस समस्या के जिम्मेदार बन कर बैठे हुए हैं | आज हम यहां सिर्फ समस्या पर ही बात नहीं करेंगे, बल्कि उनके कारणों और उससे निपटने के तरीकों पर भी बात करने जा रहे हैं | दरअसल, जनमानस भड़ास का मुख्य उद्देश्य अपने व्यूवर्स को सिर्फ समस्या के बारे में बताना ही नहीं, उसके निस्तारण के लिए भी जागरुक करना है |
हम सभी सुचारु ट्रैफिक और खुली सड़कें चाहते हैं तो फिर कौन हैं, जिन्होंने हमसे यह आजादी छीनी है | वो कोई और नहीं बल्कि हमारे और आपके बीच के ही लोग हैं | हम अक्सर बाजारों में जाते हैं और देखते हैं कि दुकानदारों ने दुकानों के बाहर तक अपनी मंडी सजाई हुई होती है | एक को देखकर दूसरा भी उसे रोकने के बजाए उसके नक्शे कदम पर चलने लगता है और देखते ही देखते सड़कें अतिक्रमण के कब्जे में आ जाती हैं | वहीं, एडमिनिस्ट्रेशन भी कब्जे होने के वक्त अपनी आंखें बंद कर लेता है और जब कभी ऊपर से आदेश होते हैं तो अतिक्रमण हटवाने के लिए सड़कों पर उतर आते हैं | इस अभियान के बाद भी क्या हमें अतिक्रमण से छुटकारा मिल जाता है तो जवाब है नहीं | कुछ दिनों बाद फिर से पुराने हालातों से नागरिकों को जूझना पड़ता है |
हमारी सिर्फ एक गलती से न ही हमें ही कहीं न कहीं समस्याओं का सामना करना पड़ता है, बल्कि इस समस्या को सुलझाने के नाम पर जनता के लाखों रुपयों की बर्बादी भी कर दी जाती है | जी हां, अतिक्रमण अभियान को चलाने से लेकर अधिकारियों और कर्मचारियों के दैनिक खर्चों को मिलाकर पूरे साल भर में यह आंकड़ा इतना ही बैठता है | इसके बाद भी हम सीख लेने को तैयार नहीं हैं | सिर्फ गवर्नमेंट के अभियान चलाने से ही बदलाव नहीं होंगे | इसके लिए जरूरी है कि हम भी इस देश के अपने शहर के एक समझदार और जिम्मेदार नागरिक बनें और समस्याओं पर खुद भी विचार करना शुरू करें |
अगर हमें अपने शहर में बदलाव चाहिए तो हमें पहले खुद से शुरुआत करनी होगी | आप अपने किए हुए किसी भी अतिक्रमण को खुद ही हटाइये और इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर लोगों को जागरुक करिए | जब आप इस तरह के अभियान छेड़ेंगे तो धीरे धीरे लोग भी आपके इस अभियान का हिस्सा बनते जाएंगे और खुद ब खुद अतिक्रमण को हटाने का काम करेंगे | लोगों के इस अच्छे काम को हम भी जनमानस भड़ास के माध्यम से सैकड़ों लोगों तक पहुंचाने का और उन्हें जागरुक करने का काम करेंगे |
इस विषय पर हमने डीएम विजय विश्वास पंत की भी राय जानी तो उन्होंने कहा कि अगर लोग खुद ही जागरुक हो जाएं तो शहर की 80 परसेंट समस्याएं दूर हो जाएंगी | अतिक्रमण से जाम लगता है और जाम लगने से प्रदूषण बढ़ता है | लोग अपने अतिक्रमण हटा कर सोशल मीडिया पर शेयर करेंगे तो यह दूसरे लोगों के लिए भी बड़ी सीख होगी | ऐसा काम करने वालों की उन्होंने सराहना करने की बात कही |
भड़ास अभी बाकी है.....